
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने हथियार डीलर संजय भंडारी के खिलाफ FIR दर्ज की है. यह FIR केंद्र में यूपीए कार्यकाल के दौरान हुए सैमसंग-ओएनजीसी सौदे के संबंध में है. यह घटनाक्रम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के लिए परेशानी बढ़ाने वाला हो सकता है.
सूत्रों ने बताया, कथित तौर पर ब्रिटेन में मौजूद संजय भंडारी ने सैमसंग-ओएनजीसी डील के लिए कंसल्टेंसी शुल्क के रूप में लगभग 50 लाख अमेरिकी डॉलर प्राप्त किए. यह डील 2007 में यूपीए शासन के दौरान हुई और आरोप है कि उसी पैसे का इस्तेमाल कथित तौर पर लंदन में रॉबर्ट वाड्रा के लिए एक बेनामी संपत्ति खरीदने के लिए किया गया.
यूपीए शासन के दौरान भंडारी का नाम कथित तौर पर कई रक्षा और पेट्रोलियम सौदों में शामिल रहा. आरोप है कि भंडारी को कई सौदों में किकबैक के रूप में जो रकम प्राप्त हुई, उसे शेल कंपनियों के जरिए रूट किया गया और बेनामी संपत्तियों को लंदन में खरीदा गया, जिनका मालिकाना हक कथित तौर पर रॉबर्ट वाड्रा का बताया गया.
ताजा FIR में CBI ने संजय भंडारी, सैनटेक इंटरनेशनल, FZC, यूएई; सैमसंग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड, दक्षिण कोरिया; फोस्टर व्हीलर एनर्जी लिमिटेड, ब्रिटेन; सैमसंग के तत्कालीन वरिष्ठ प्रबंधक हॉन्ग नामकूंग, ONGC के अज्ञात अधिकारियों और अन्य अज्ञात लोगों को नामजद किया है.
इंडिया टुडे को पता चला है कि यह मामला पेट्रो-केमिकल कॉम्प्लेक्स से संबंधित है, जिसे ओएनजीसी ने 2007 में स्पेशल इकोनॉमिक जोन बनाने का फैसला किया था. ओएनजीसी ने सैमसंग इंजीनियरिंग को प्रोजेक्ट का एक हिस्सा बनाने का काम दिया था. सैमसंग ने संजय भंडारी की दुबई स्थित फर्म सैनटेक इंटरनेशनल FZC को हायर किया. दिसंबर 2008 में सैमसंग को कॉन्ट्रेक्ट दिया गया और इस कंपनी ने जून 2009 में सैनटेक को 49,99,969 अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया.
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संजय भंडारी की सैनटेक इंटरनेशनल ने जून 2009 में लंदन में ‘12 ब्रायनस्टन स्क्वायर’ संपत्ति खरीदी. यह संपत्ति वोर्टेक्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से रजिस्टर्ड थी. सैनटेक ने वोर्टेक्स के खाते में बड़ी राशि ट्रांसफर की. बाद में वोर्टेक्स प्राइवेट लिमिटेड के सभी शेयर स्काई लाइट इनवेस्टमेंट FZE दुबई द्वारा खरीदे गए. स्काई लाइट के संचालक के तौर पर सी थम्पी का नाम सामने आया. थम्पी को कथित तौर पर रॉबर्ट वाड्रा का निकट सहयोगी बताया जाता है.
सूत्र ने बताया, "संजय भंडारी, सुमित चड्ढा (संजय के लंदन स्थित रिश्तेदार), मनोज अरोड़ा और रॉबर्ट वाड्रा के बीच ईमेल कॉरेस्पॉन्डेंस से पता चला है कि उन्हें (वाड्रा) इस संपत्ति में गहरी दिलचस्पी थी और वो वहां चल रहे तमाम रिनोवेशन वर्क के बारे में जानने में रुचि रखते थे."
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CBI की प्राथमिकी के मुताबिक, “सैनटेक इंटरनेशनल, यूएई के निदेशक संजय भंडारी ने अन्य अभियुक्तों के साथ आपराधिक साजिश रची और कॉन्ट्रेक्ट के उल्लंघन में सैमसंग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड (SECL) के साथ कंसल्टेंसी एग्रीमेंट किया. कथित तौर पर मैसर्स सैनटेक इंटरनेशनल, यूएई के ओवरसीज बैंक खाते में SECL से 49,99,969 अमेरिकी डॉलर आए, ताकि मेसर्स SCEL के कंसोर्टियम के पक्ष में गुजरात के दहेज में स्थित DFCU प्रोजेक्ट का कॉन्ट्रेक्ट दे कर कथित अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए अनजान पब्लिक सर्वेंट्स को लुभाया जा सके.”
रॉबर्ट वाड्रा की ‘12, ब्रायनस्टन स्क्वायर, लंदन’ स्थित कथित संपत्ति को कंसल्टेंसी मनी का इस्तेमाल करके खरीदा गया.रॉबर्ट वाड्रा से पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय ने संजय भंडारी और लंदन की संपत्ति के संबंध में पूछताछ की थी, लेकिन उन्होंने सभी आरोपों से इनकार किया.