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डबल मर्डर केस: वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुआ राम रहीम

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के खिलाफ हत्या के दो मामलों में आज पंचकूला कोर्ट में सुनवाई हुई. राम रहीम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस सुनवाई में शामिल हुआ. इस दौरान चेहरे पर उदासी के साथ वह लगातार हाथ में हाथ डालकर बैठा रहा. रणजीत सिंह मर्डर केस की अगली सुनवाई 19 सितंबर रामचंद्र छत्रपति केस की सुनवाई 22 सितंबर को होगी.

सीबीआई जज जगदीप सिंह सीबीआई जज जगदीप सिंह
मुकेश कुमार/मनजीत सहगल
  • चंडीगढ़,
  • 18 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 6:09 PM IST

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के खिलाफ हत्या के दो मामलों में आज पंचकूला कोर्ट में सुनवाई हुई. राम रहीम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस सुनवाई में शामिल हुआ. इस दौरान चेहरे पर उदासी के साथ वह लगातार हाथ में हाथ डालकर बैठा रहा. रणजीत सिंह मर्डर केस की अगली सुनवाई 19 सितंबर रामचंद्र छत्रपति केस की सुनवाई 22 सितंबर को होगी.

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इधर, रेप केस में राम रहीम को 20 साल की जेल की सजा सुनाने वाले और डबल मर्डर केस की फिलहाल सुनवाई कर रहे सीबीआई जज जगदीप सिंह की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है. उनकी सुरक्षा में लगे जवानों की संख्या बढ़ाते हुए बुलेट प्रूफ गाड़ी भी दी गई है. डीएसपी राजेश फौगाट को उनका सिक्योरिटी इंचार्ज बनाया गया है.

जानकारी के मुताबिक, सीबीआई जज जगदीप सिंह राम रहीम के खिलाफ पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और रणजीत सिंह मर्डर केस की सुनवाई कर रहे हैं. इस मामले की सुनवाई बहुत तेजी से की जा रही है. इस पर बहुत जल्द फैसला आने वाला है. इसे देखते हुए जज की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. उनकी सुरक्षा में पहले 45 सुरक्षाकर्मी लगे थे, अब उनकी संख्या 60 कर दी गई है.

इतना ही नहीं सीएम की बुलेट प्रूफ गाड़ी भी जज जगदीप सिंह को दे दी गई है. यह गाड़ी फिलहाल सीआईडी के पास थी, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर सुरक्षा बढ़ाई गई है. सीबीआई कोर्ट में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और पूर्व डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह मर्डर केस की सुनवाई की जा रही है. इसमें दोषी पाए जाने पर राम रहीम को उम्रकैद या मृत्युदंड की सजा दी जा सकती है.

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पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को मारी थी गोली

24 अक्तूबर 2002 को सिरसा के सांध्य दैनिक 'पूरा सच' के संपादक रामचन्द्र छत्रपति को उनके घर के बाहर गोलियों से छलनी कर दिया गया था. 21 नवंबर 2002 को छत्रपति की दिल्ली के अपोलो अस्पताल में मौत हो गई थी. उनके अखबार ‘पूरा सच’ ने एक गुमनाम पत्र छापा था, जिसमें डेरा मुख्यालय में साध्वियों के यौन उत्पीड़न की कहानियां बताई गई थीं.

पूर्व डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या

दूसरा मामला 10 जुलाई 2002 का है, जब डेरा प्रबंध समिति सदस्य रहे रणजीत सिंह की हत्या की गई थी. दरअसल, डेरा प्रबंधन को रंजीत सिंह पर साध्वी का पत्र तत्कालीन प्रधानमंत्री तक पहुंचाने का शक था. हत्या का शिकार बने दोनों लोगों के परिजन ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद हाई कोर्ट ने नवंबर 2003 में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे.

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