
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 332 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार घोटाले की जांच के सिलसिले में 9 ठिकानों पर छापे मारे हैं. इस मामले में मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह और कई नौकरशाहों के नाम शामिल हैं. ये छापे आइजोल, इंफाल और गुड़गांव में मारे गए. पूर्व मुख्यमंत्री इबोबी सिंह के आवास पर भी छापा मारा गया.
कई अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज
सीबीआई ने मणिपुर में कांग्रेस सरकार का नेतृत्व कर चुके इबोबी सिंह और कई अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है. जिन अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है उनमें मणिपुर डेवेलपमेंट सोसाइटी (MDS) के तत्कालीन चेयरमैन वाई निंग्थम सिंह, MDS के पूर्व प्रोजेक्ट डायरेक्टर डीएस पूनिया आईएएस (रिटायर्ड), MDS के तत्कालीन चेयरमैन पीसी लामुखंगा आईएएस (रिटायर्ड), ओ नबाकिशोर सिंह आईएएस (रिटायर्ड), MDS के तत्कालीन प्रशासिक अधिकारी एस रंजीत सिंह के नाम शामिल हैं. सीबीआई ने मणिपुर सरकार के आग्रह और फिर भारत सरकार की अधिसूचना के बाद इस मामले में केस दर्ज किया.
सीबीआई के केस के मुताबिक अभियुक्तों पर आरोप है कि उन्होंने 30 जून 2009 से 6 जुलाई 2017 तक मणिपुर डेवेलपमेंट सोसाइटी के अध्यक्ष के रूप में काम करते हुए अन्य लोगों के साथ साज़िश कर सरकारी धन (करीब 518 करोड़ रुपये की कुल रकम में से लगभग 332 करोड़ रुपये) का गबन किया. ये रकम विकास कार्यों को पूरा करने के लिए निर्धारित थी.
सूत्रों के मुताबिक नामजद अभियुक्तों के घरों और आधिकारिक ठिकानों पर छापेमारी की गई. ये रिपोर्ट लिखे जाने तक कार्रवाई जारी थी.