
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों ने 23 जनवरी को विजय माल्या की अगुआई वाले यूबी समूह के दफ्तर पर छापा मारा. विजय माल्या पर किंगफिशर मामले में बैंकों का 6 हजार 203 करोड़ रुपए का बकाया है और उन्हें एक अदालत ने भगोड़ा अपराधी घोषित किया है.
पेपर्स की होगी फॉरेंसिक जांच
सूत्रों से पता चला है कि सीबीआई अधिकारी यूबी ऑफिस उन दस्तावेजों की खोज में गए थे, जिनके आधार पर विजय माल्या ने कई बैंकों में लोन के लिए अर्जी दी थी. जांच अधिकारियों को शक है कि ये दस्तावेज गैर कानूनी तरीके से तैयार किए गए थे. इसलिए एजेंसी इन दस्तावेजों को फॉरेंसिक जांच के लिए भी भेजेगी.
यूबी ग्रुप के प्रवक्ता की सफाई
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘दिल्ली से सीबीआई अधिकारियों का एक दल बेंगलुरु में यूबी समूह के दफ्तर पहुंचा.’ इस बीच यूबी समूह के प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि की है कि सीबीआई अधिकारियों का दल उनके दफ्तर आया था. प्रवक्ता ने बताया कि वे अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं.
माल्या से कर्ज वसूलने का आदेश
इससे पहले 19 जनवरी को बेंगलुर के ऋण वसूली न्यायाधिकरण ने भारतीय स्टेट बैंक की अगुआई वाले बैंकों के गठजोड़ उद्योगपति माल्या और उनकी कंपनियों से किंगफिशर एयरलाइंस के मामले में 6,203 करोड़ रुपए की 11.5 फीसदी के वार्षिक ब्याज के साथ वसूलने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है.
पिछले वर्ष ही देश से भागे माल्या
विजय माल्या दो मार्च, 2016 को देश से बाहर चले गए थे. फिलहाल वह लंदन में हैं. कर्ज का भुगतान नहीं करने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की अपील पर उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग जांच में मुंबई की एक अदालत ने भगौड़ा अपराधी घोषित किया है.