
विधायकों की खरीद फरोख्त मामले में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने हरीश रावत और अन्य के खिलाफ कथित एमएलए खरीद फरोख्त मामले में केस दर्ज किया है.
सीबीआई ने 20 सितंबर को उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत के खिलाफ शुरू की गई प्रारंभिक जांच की स्थिति रिपोर्ट को एक सीलबंद लिफाफे में सौंप दिया था. मामले की सुनवाई कर रही नैनीताल हाईकोर्ट ने मामले को अलग पीठ में स्थानांतरित कर दिया है. 2016 में उत्तराखंड के तत्कालीन सीएम हरीश रावत को एक निजी समाचार चैनल ने स्टिंग ऑपरेशन में कैमरे पर पकड़ा था. रावत पर विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप लगाया गया था और इस बात पर चर्चा की गई थी कि विधायकों को खरीदा जा सकता है या नहीं.
रावत की सरकार गिर जाने के बाद, राज्य सरकार और हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया था. हरीश रावत से एक बार पूछताछ की गई थी. स्टिंग करने वाले पत्रकार उमेश कुमार को इस साल उत्तराखंड पुलिस ने त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के नौकरशाहों और मंत्रियों को ब्लैकमेल करने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
क्या है आरोप?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत के खिलाफ विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त का आरोप है. साल 2016 में एक निजी समाचार चैनल ने हरीश रावत का स्टिंग ऑपरेशन किया था. इसके बाद उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार गिर गई और सरकार गिरने के बाद राज्यपाल की संस्तुति से हरीश रावत के खिलाफ सीबीआई ने जांच शुरू की थी.
सीबीआई ने विधायक खरीद-फरोख्त मामले में पिछले दिनों नैनीताल हाई कोर्ट में मॉडिफिकेशन एप्लीकेशन दायर की थी, जिसमें कहा गया कि इस मामले में सीबीआई की प्रारंभिक जांच पूरी हो चुकी है. अब इस मामले में हरीश रावत की गिरफ्तारी करना चाहती है.
दिल्ली में कांग्रेस के बागी विधायकों ने एक स्टिंग की सीडी जारी की थी. हरीश रावत ने कहा था कि बीजेपी सीबीआई जांच के बहाने उन्हें जेल भेजना चाहती है. हरीश रावत ने स्टिंग में दिखाए गए बागी विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों से इनकार किया है.