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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) देशभर के स्कूलों में छठी से आठवीं कक्षा के छात्रों को बोझिल होमवर्क से छुटाकारा दिलाने की पहल कर रही है, ताकि पढ़ाई ज्यादा आसान और रोचक हो सके.
CBSE ने उच्च प्राथमिक कक्षा में होमवर्क के विकल्प पर स्कूल के प्राचार्यों, शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों से सुझाव मांगे हैं. CBSE के एक अधिकारी ने कहा, ‘बोर्ड स्कूलों में होमवर्क का विकल्प तलाश रहा है, ताकि नीरस माने जाने वाले होमवर्क को रोचक, वैज्ञानिक, शोध पर आधारित और सार्थक बनाया जा सके.’ बोर्ड ने इस बारे में कुछ सवाल पूछे हैं, जिनका ऑनलाइन जवाब देने को कहा गया है. अधिकारी ने बताया कि इन सवालों के जवाब 15 सितंबर, 2014 तक देने को कहा गया है.
बोर्ड का मानना है कि छठी से आठवीं कक्षा के छात्र होमवर्क को बोझिल मानते हैं और इसमें कम रुचि दिखाते हैं. CBSE ने पूछा है कि प्रति सप्ताह होमवर्क की सीमा क्या होनी चाहिए? आप होमवर्क का मुख्य उद्देश्य क्या मानते हैं? क्या होमवर्क सभी विषयों में विज्ञान, हिन्दी, गणित, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी में दी जानी चाहिए या इनमें से किन-किन विषयों में हो?
सीबीएसई ने यह भी बताने को कहा है कि क्या कक्षा में सभी छात्रों को समान होमवर्क दिया जाना चाहिए? बोर्ड ने पूछा कि क्या इंटरनेट को होमवर्क का हिस्सा बनाया जाना चाहिए? अगर हां, तब इसका उद्देश्य क्या होना चाहिए?
यह भी पूछा गया कि होमवर्क किस तरह से शिक्षण में मदद करता है? क्या यह छात्रों को कक्षा के लिए तैयार करता है, सीखे गए विषयों के बारे में जानकारी देता है, शिक्षकों को पाठ्यक्रम पूरा करने में मदद करता है? क्या अंक देने की प्रणाली को छात्रों के साथ साझा किया जाना चाहिए? यदि छात्र बिना होमवर्क किये स्कूल आए तब क्या किया जाना चाहिए?
आप किस तरह के होमवर्क को छात्रों के लिए सबसे उपयोगी मानते हैं? इसके अलावा 200 शब्दों में अन्य सुझाव और टिप्पणियां करने को कहा गया है.