
संकटग्रस्त कॉफी चेन CCD के स्वामित्व वाली कंपनी डॉर्क फॉरेस्ट फर्नीचर (DAFFCO) का कामकाज बंद हो गया है. वित्तीय हालत खस्ता होने की वजह से तत्काल प्रभाव से इसके चिकमंगलुरु स्थित कारखाने को बंद कर दिया गया है. डार्क फॉरेस्ट फर्नीचर कारखाने के बंद होने से इसके कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं.
कैफे कॉफी डे (CCD) के मालिक वीजी. सिद्धार्थ का इस साल जुलाई महीने में निधन हो गया था, जिसके बाद से ही कंपनी की वित्तीय हालत ठीक नहीं चल रही. अचानक आए इस फरमान से कंपनी के कर्मचारी नाराज दिखे और उन्होंने इसके विरोध में प्रदर्शन भी किया.
कॉफी डे ग्लोबल ऑफिस मेन गेट के बाहर इसके बारे में एक नोटिस भी लगाया गया है. इस नोटिस में कहा गया है, 'कर्मचारियों को यह ज्ञात होगा कि 29 जुलाई, 2019 को कंपनी के संस्थापक वी.जी. सिद्धार्थ की एक दुखद परिस्थिति में मौत हो गई. स्थानीय जनता को रोजगार देने के लिए उन्होंने अपने दम पर इस कंपनी की स्थापना की थी. उनके निधन के बाद कंपनी मौजूदा प्रबंधन ने इस कारखाने को चलाते रहने का प्रयास किया. लेकिन यह बात गौर करनी होगी कि कंपनी भारी वित्तीय मुश्किल से गुजर रही है और इसके पास ऑर्डर भी नहीं हैं. इसलिए हम सभी कर्मचारियों को खेद के साथ यह जानकारी देना चाहते हैं कि चिकमंगलुरु के कारखाने को 25 नवंबर, 2019 से बंद किया जा रहा है.'
नोटिस में कहा गया है, 'इस कारखाने के सभी कर्मचारियों की सेवाएं 25 नवंबर से ही समाप्त मानी जाएंगी. कर्मचारियों को यह पता ही है कि कंपनी वित्तीय मुश्किल से गुजर रही है, इसलिए किसी तरह के मुआवजा देने की बात फंड की उपलब्धता पर निर्भर करेगी.'
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि 63 कर्मचारियों को टर्मिनेट किया गया है. वे सोमवार को आम दिनों की तरह ही काम पर आए थे, लेकिन सुरक्षा गॉर्डों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया और उन्हें नौकरी से निकाले जाने की जानकारी दी. इस खबर से स्तब्ध कर्मचारी मेन गेट पर बैठकर प्रदर्शन करने लगे जो शाम तक चलता रहा. कई कर्मचारियों ने लेबर ऑफिस, डिप्टी कमिश्नर और एसपी ऑफिस में भी संपर्क किया.
कब हुई थी DAFFCO की शुरुआत
गौरतलब है कि सात साल पहले साल 2012 में जब कैफे कॉफी डे सफलता के चरम पर था, तब इसके फाउंडर सिद्धार्थ ने एक फर्नीचर कंपनी की शुरुआत की. इसका शुरुआती लक्ष्य था देश भर में सीसीडी के आउटलेट में इस्तेमाल होने वाले अत्याधुनिक फर्नीचर की आपूर्ति. डार्क फॉरेस्ट फर्नीचर कंपनी ने कर्नाटक के चिकमंगलुरु में 6 लाख वर्ग फुट का कारखाना स्थापित किया था. इसके लिए लिए लकड़ी लैटिन अमेरिकी देश रिपब्लिक ऑफ गुयाना से आती थी, जहां कंपनी ने लीज पर 18.5 करोड़ हेक्टेयर जंगल लिया है.
कैसे हुआ था वीजी सिद्धार्थ का निधन
कैफे कॉफी डे (CCD) के मालिक वीजी सिद्धार्थ 30 जुलाई को सुबह अचानक लापता हो गए. वह एक दिन पहले मंगलुरू गए थे, जिसके बाद शाम 6.30 बजे गाड़ी से उतरने के बाद लापता हो गए. करीब 36 घंटे तक लापता रहे वी. जी. सिद्धार्थ को लेकर जो आशंका जताई जा रही थी, आखिरकार वो सच साबित हुई. पुलिस को 31 जुलाई को कर्नाटक की नेत्रावती नदी से उनका शव मिल गया. सिद्धार्थ के लापता होने के बाद से उनके आत्महत्या करने की आशंका जताई जा रही थी.
कर्नाटक के चिकमंगलुरु जिले में जन्मे सिद्धार्थ ने मंगलौर यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया था. उनकी शादी भारत सरकार के पूर्व विदेश मंत्री और महाराष्ट्र के गवर्नर रह चुके एस.एम. कृष्णा की बेटी से हुई थी, जो अब बीजेपी नेता हैं.
कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड (CDEL) शेयर बाजार में लिस्टेड है और यह कॉफी चेन से लेकर लॉजिस्टिक्स, हॉस्पिटलिटी और वित्तीय सेवाओं तक के कारोबार में लगी हुई है. कर्नाटक में 1996 में ही उन्होंने युवाओं के हैंगआउट के लिए कैफे कॉफी डे की शुरुआत की. ऐसा पहला आउटलेट बेंगलुरु में खोला गया. उनका यह कॉन्सेप्ट युवाओं में काफी लोकप्रिय रहा. आज पूरे भारत में करीब 1750 कैफे कॉफी डे हैं.