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फिल्मों में एडल्ट कंटेंट को लेकर सेंसर बोर्ड और फिल्ममेकर्स की बढ़ रही तनातनी अब शायद खत्म हो जाएगी. क्योंकि फिल्म सेंसर बोर्ड(CBFC) ने श्याम बेनेगल कमेटी की ओर से सुझाए गए फिल्मों की कैटगरी बढ़ाने के सुझाव पर अमल करने का मन बना लिया है.
Hindustan times में छपी खबर के मुताबिक, सेंसर बोर्ड इस बात पर राजी हो गई है कि फिल्मों में एडल्ट सीन्स की कांट झांट की बजाए उन्हें किसी अन्य नई कैटेगरी में शामिल करना बेहतरी होगी. मौजूदा समय की बात करें तो ‘A’ और ‘UA’ सर्टिफिकेट को लेकर फिल्ममेकर्स और सेंसर बोर्ड के बीच कई बार नोक झोंक की खबरें सुर्खियों में रही हैं. क्योंकि किसिंग सीन, सेक्शुअल कंटेट से लेकर गाली ग्लोच वाले कंटेट को सेंसर बोर्ड की तरफ से ‘A’ कैटेगरी में शामिल किया गया है. लेकिन इनदिनों अमूमन सभी फिल्मों में इस तरह का कंटेंट शामिल है. इसलिए इस तरह की फिल्मों के लिए डायरेक्टर, प्रोड्यूसर ‘UA’ सर्टिफिकेट के लिए सेंसर बोर्ड से भिड़ते नजर आते हैं.
इसलिए सेंसर बोर्ड ने बोल्ड और न्यूड कंटेट वाली फिल्मों को लेकर कई और श्रेणियों को शामिल करने का फैसला लिया है. सेंसर बोर्ड जल्द इन नई कैटगरी के सुझाव को सूचना एवम प्रसारण मंत्रालय के पास भेजेगी. ये तभी संभव है जब मंत्रालय मौजूदा सिनेमैटोग्राफी एक्ट में बदलाव के लिए राजी हो जाए. सेंसर बोर्ड के इस प्रस्ताव के तहत फिल्मों के लिए ये नई श्रेणियां बनाई गई हैं:
U और UA कैटेगरीज को बदलकर अब UA12+ और UA15+ कर दिया गया है
एडल्ट यानी A कैटेगरी की फिल्मों को अब A और AC में बांटा गया है. इनमें AC वो श्रेणी रहेगी जिसमें एडल्ट फिल्मों को कंटेंट को चेतावनी के
साथ दिखाया जाएगा.
AC कैटेगरी में पोर्नोग्रफी नहीं दिखा जा सकेगी
फिल्मों को अब ऑनलाइन भी सर्टिफिकेट जारी किए जाएंगे