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कई राज्यों में NPR की प्रक्रिया नोटिफाई, शौचालय की भी मांगी जाएगी जानकारी

जनगणना 2021 ( Census 2021) शुरू होने के बाद पहले चरण में हाउसहोल्ड को चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इसमें पहला फेज 1 अप्रैल से 30 सितंबर के बीच किया जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 15 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 7:00 PM IST

  • कई राज्यों ने एनपीआर की प्रक्रिया को नोटिफाई कर दिया
  • पहला फेज 1 अप्रैल से 30 सितंबर के बीच किया जाएगा

पश्चिम बंगाल और केरल ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) न लागू करने की बात राज्य में अधिकारिक स्तर पर कही है. रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया को इसकी जानकारी मिली है. वहीं बाकी राज्यों ने एनपीआर की प्रक्रिया को नोटिफाई कर दिया है. इस प्रक्रिया के तहत लोगों से शौचालय समेत कई महत्वपूर्ण जानकारियां मांगी जाएंगी. इसमें पहला फेज 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक के बीच किया जाएगा.

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जनगणना 2021 ( Census 2021) शुरू होने के बाद पहले चरण में हाउसहोल्ड को चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इसमें पहला फेज 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक के बीच किया जाएगा. जिसका नाम हाउसहोल्ड लिस्टिंग है. सेंसस के पहले चरण में हाउसहोल्ड स्पेसेफिक होंगे न कि इंडिविजुअल स्पेसिफिक.

इसमें घर का मुखिया कौन है, घर में कौन-कौन सी सुविधा है, कितने लोग हैं जैसे सवाल होंगे. दूसरा चरण फरवरी 2021 में होगा. जिसमें इंडिविजुअल सवाल होंगे. पहले चरण में घर में कितने लोग रह रहे हैं, इसका आइडिया लिया जाएगा ताकि ये पता चल सके कि गणना करने वाला शख्स कितनी जनसंख्या कवर कर रहा है.

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2021 सेंसस में मुश्किल क्षेत्रों में सरकारी नुमाइंदे हेलिकॉप्टर से भी जाएंगे. हालांकि पिछली बार 2011 के सेंसस में भी इसका इस्तेमाल हुआ था, लेकिन इस बार बड़े तरीके से इसका इस्तेमाल होगा. हाउस लिस्टिंग प्रक्रिया जो कि पहले चरण की है, उसमें 31 टॉपिक कवर करते हुए 34 सवाल होंगे. घर में इंटरनेट है या नहीं, मेल-फीमेल या ट्रांसजेंडर कौन घर का मुखिया होगा, सोर्स आफ ड्रिंकिंग वाटर पैकेज या सप्लाई है ऐसे कुछ सवाल हैं जो पहली सेंसस के पहले चरण में पूछे जाएंगे.

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क्या-क्या सवाल होंगे?

इसके अलावा ये भी सवाल पहली बार पूछे जाएंगे कि घर में मौजूद शौचालय कंबाइन्ड हैं या सिर्फ इसी घर के लिए है, घर के मालिक का कहीं और घर है या नहीं, किचन में एलपीजी कनेक्शन है या नहीं, सोर्स ऑफ कुकिंग एनर्जी क्या है, रेडियो या टीवी किस डिवाइस पर उपयोग किया जा रहा है मोबाइल या किसी और पर, टीवी डीटीएच या किससे कनेक्टेड है, बैंक अकाउंट के बारे में हर इंडिविजुअल से पूछा जाएगा, घर में मोबाइल नंबर कितने है, इसकी जानकारी देना चाहें तो दे सकते हैं.

पहली बार डिजिटल सेंसस

पहली बार ये डिजिटल सेंसस होगा. जिसमें गणना के अधिकारी मोबाइल के जरिए डेटा ले सकेंगे. सेंसस के लिए विशेष ऐप 2020 ऐप अधिकारियों के पास होगा. जिसका वो इस्तेमाल करेंगे. खास ऐप सरकार ने विकसित किया है जो गणना अधिकारियों को अपने मोबाइल पर डाउनलोड करना होगा. वहीं चार फेज में ट्रेनिंग होगी. नेशनल ट्रेनर, मास्टर ट्रेनर, फील्ड ट्रेनर और इन्यूमिनेटर. इन चार स्तर पर गणना अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी. जिसमें नेशनल ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है.

कोई बायोमेट्रिक नहीं

वहीं एनपीआर में कोई बायोमेट्रिक नहीं मांगा जा रहा है और न ही कोई पेपर मांगा जाएगा. इसमें बस सही जानकारी देनी होगी. एनपीआर में गणना अधिकारी आधार नंबर, मोबाइल नंबर, डीएल नंबर यदि हाउसहोल्ड के पास है तो मांगेंगे. इनकी सिर्फ जानकारी मांगी जाएगी, कागज नहीं मांगे जाएंगे. वहीं प्रीटेस्ट एनपीआर में पैन नंबर था पर अब उसको हटा दिया गया है. सेंसस और एनपीआर पहले चरण के फॉर्म में हाउसहोल्ड को ये बताना होगा कि जो जानकारी उन्होंने दी है वो सही होगी.

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नए सवाल शामिल

इस बार एनपीआर में कई नए सवाल शामिल किए जाएंगे. इसमें मातृभाषा क्या है, पिछली बार हाउसहोल्ड का मालिक कहां रह रहे थे, जन्म स्थान की जगह, अभिभावकों की जानकारी होगी. वहीं एनपीआर और सेंसस का फॉर्म अलग-अलग होगा. पहले चरण में 30 लाख कर्मचारी इस काम में होंगे. पिछली बार एनपीआर को छोड़कर गणना अधिकारी को 5500 रुपये मिले थे. इस बार गणना करने वाला अधिकारी हाउस लिस्टिंग, सेंसस का काम और एनपीआर का काम करेगा तो उसे 25000 रुपये मिलेंगे.

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