
सोमवार को हुई बारिश ने दिल्ली समेत उत्तर भारत के बाशिंदों को हवा में घुले प्रदूषण के जहर से कुछ हद तक राहत प्रदान की. बीते कुछ वर्षों से ये देखा जा रहा है कि दिसंबर का महीना आते आते राजधानी दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर इतना खतरनाक हो जाता है कि लोगों का सांस तक लेना दूभर हो जाता है. इस समस्या का स्थाई समाधान ढूंढने की दिशा में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने मंगलवार को दिल्ली और इसके चार पड़ोसी राज्यों के साथ बैठक बुलाई. इन राज्यों में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश शामिल हैं.
बैठक में दिल्ली की ओर से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने हिस्सा लिया. बैठक में हरियाणा और उत्तर प्रदेश की ओर से कैबिनेट मंत्रियों, पंजाब और राजस्थान की ओर से उच्च अधिकारियों ने नुमाइंदगी की.
उत्तर भारत में बारिश और तेज हवा के चलते पिछले कुछ दिनों से स्मॉग और प्रदूषण के स्तर में कमी आई है. प्रदूषण से साल भर होने वाली चुनौती से निपटने के लिए यह पहली बार हुआ है जब केंद्र सरकार के साथ साथ उत्तर भारत के प्रदूषण से प्रभावित राज्यों के नुमाइंदों ने एक साथ बैठकर चर्चा की.
यहां ये बताना जरूरी है कि प्रदूषण के गंभीर मुद्दे पर होने वाली इस बैठक के लिए दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को बुलाया गया था. लेकिन पांचों राज्यों के मुख्यमंत्रियों में से सिर्फ दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ही इसमें शिरकत की. पंजाब और राजस्थान ने तो बैठक में मुख्यमंत्री तो दूर मंत्री तक को भेजना भी जरूरी नहीं समझा, बस अधिकारी भेज कर ही अपना दायित्व पूरा कर दिया.
हरियाणा की ओर से उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने बैठक में हिस्सा लिया. गोयल ने ‘आज तक’ को बताया कि बैठक में हिस्सा लेने वाले सभी राज्यों ने प्रदूषण से लड़ने के लिए एक रूपरेखा तैयार की. इसके अलावा पांचों राज्यों ने अभी तक उनकी ओर से उठाए गए कदमों का जिक्र भी किया. राज्यों ने इस सिलसिले में उन्हें पेश आ रही दिक्कतों का हवाला भी दिया.
फिलहाल पांचों राज्यों और केंद्र सरकार की ओर से मिलकर प्रदूषण से लड़ने के लिए किसी टास्क फोर्स का गठन नहीं किया गया है. हालांकि सूत्रों का कहना है कि आने वाले समय में प्रदूषण के खिलाफ लड़ने के लिए ऐसी ही और बैठक बुलाई जाएंगी. साथ ही प्रदूषण को उत्तर भारत से खत्म करने के लिए एक खाका तैयार किया जाएगा.