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अब ग्रेटर नोएडा से भर सकेंगे उड़ान, जेवर एयरपोर्ट को हरी झंडी, 3000 हेक्टेयर जमीन की पहचान

जेवर एयरपोर्ट को केंद्र सरकार ने शुक्रवार शाम को हरी झंडी दी. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद इस एयरपोर्ट को हरी झंडी दी गई.

जेवर में बनेगा एयरपोर्ट जेवर में बनेगा एयरपोर्ट
लव रघुवंशी
  • नोएडा,
  • 24 जून 2017,
  • अपडेटेड 4:25 PM IST

जेवर (ग्रेटर नोएडा) में बनने वाले अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडे को केंद्र सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है. अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस हवाई अडडे के लिए करीब 3000 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता होग. पहले चरण में एक हजार हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी. यहां देश का पहला एयर कार्गो हब भी बनाया जाएगा. इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बन जाने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों का आर्थकि विकास होने, पर्यटन को बल मिलने और रोजगार व व्यवसाय के अवसर बढने की उम्मीद है.

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इस हवाई अड्डे के निर्माण में 15 से 20 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. यमुना एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथारिटी (येडा) ने इसके लिए तीन हजार एकड़ जमीन चिन्हित कर ली है. उत्तर प्रदेश के नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल नंदी और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने ने बताया कि दिल्ली के हवाई अडडे पर यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए नोएडा के जेवर में 2003 में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडे की योजना बनाई गई थी. प्रदेश की गत सरकारों ने इस पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया.

योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद इस दिशा मे केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय से बात की और जेवर हवाई अड्डे के काम को आगे बढ़ाया गया. नोएडा में बनने वाले इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडे से पश्चिम उार प्रदेश के आगरा, मथुरा, वृन्दावन, मुजफ्फरनगर, मेरठ, अलीगढ, बुलंदशहर तथा मुरादाबाद सहित एनसीआर क्षेत्र में आर्थिकी विकास होने, साथ ही पर्यटन, रोजगार और व्यवसाय के अवसर बढ़ने की उम्मीद है. नंदी ने बताया कि पहले चरण में करीब 1000 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण यमुना एक्सप्रेस वे डेवलपमेंट अथारिटी द्वारा किया जाएगा, जिस पर करीब 2000 करोड रुपये खर्च होंगे.

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इसके अलावा येडा एनसीआर क्षेत्र से पश्चिमी जिलों को सड़क, रेल और मेट्रो से जोडने का काम करेंगी. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि अभी दिल्ली के हवाई अडडे पर प्रतिवर्ष करीब छह करोड़ यात्री आते जाते है और यह संख्या हर साल बढ़ती ही जा रही है. इन हालात में दिल्ली के नजदीक एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का महत्व बढ़ जाता है. इसी लिए केंद्र सरकार और उार प्रदेश सरकार इस जेवर हवाई अडडे को जल्द से जल्द बनाना चाहती है. उन्होंने कहा कि नोएडा में अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडा बन जाने से इस क्षेत्र में औदयोगिक निवेश बढ़ेगा.

जेवर एयरपोर्ट को केंद्र सरकार ने शुक्रवार शाम को हरी झंडी दी. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद इस एयरपोर्ट को हरी झंडी दी गई. राज्य सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने जेवर एयरपोर्ट को मंजूरी देने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया. पिछले काफी लंबे समय से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक एयरपोर्ट की मांग रही है, मायावती सरकार ने जेवर में एयरपोर्ट को मंजूरी दी थी. लेकिन अखिलेश यादव की सरकार आगरा में एयरपोर्ट बनाना चाहती थी. अब योगी सरकार ने जेवर में एयरपोर्ट बनाने पर दोबारा विचार किया है.

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जेवर से बीजेपी विधायक धीरेंद्र सिंह ने भी जेवर एयरपोर्ट का मुद्दा मुख्यमंत्री के सामने उठाया था. इस संबंध में उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा था. धीरेंद्र सिंह ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र में आने वाले 05 वर्षों में 70 लाख नये रोजगारों का सृजन होना है, इसी क्रम में अगर जेवर के नजदीक एयरपोर्ट की स्थापना हो जाती है, तो अनेकों मल्टीनेशनल कंपनियां एयरपोर्ट के इर्द-गिर्द अपने औद्योगिक इकाईयों की स्थापना करेंगी, जिससे पूरे उत्तर भारत में नौजवानों को नए-नए रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकते हैं.

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