
देश के करीब 30 फीसदी ब्लॉक में भूमिगत जल तेजी से खत्म हो रहा है, ऐसे में किसी बड़े जल संकट से बचने के लिए सरकार 6,000 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी योजना बना रही है. इस योजना के तहत सामुदायिक भागीदारी से जल संसाधनों के फिर से भरने की व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा.
केंद्र सरकार की 'अटल भूजल योजना' नामक इस योजना की आधी लागत विश्व बैंक वहन करेगा और आधी रकम केंद्र सरकार बजटीय सहयोग के रूप देगी. गौरतलब कि देश के कई हिस्सों में जल संकट गहरा गया है.
केंद्रीय जल संसाधन सचिव यूपी सिंह को उम्मीद है कि इसके लिए 31 मार्च, 2018 तक बजट मंजूर हो जाएगा, ताकि इसे एक अप्रैल से लागू किया जा सके. इस योजना में स्थानीय स्तर पर जल संसाधनों के पुनर्भरण और जल के प्रभावी इस्तेमाल पर जोर होगा.
केंद्रीय भूजल बोर्ड (CGWB)के पिछले आकलन रिपोर्ट के अनुसार देश के 6,584 ब्लॉक में सर्वे करने पर पता चला कि इनमें से 1,034 ब्लॉक में भूजल का जरूरत से ज्यादा दोहन हो चुका है. इसका मतलब यह है कि इन ब्लॉक में सालाना जितने भूजल का खपत हो रहा है, वह सालाना भूमिगत जल के पुनर्भरण से ज्यादा है. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार 934 ब्लॉक की हालत बेहद संवेदनशील मानी जा सकती है, क्योंकि वहां जल का बस उपभोग हो रहा है और पुनर्भरण का कोई उपाय नहीं है.
दिल्ली, यूपी, हरियाणा जैसे कई राज्यों की हालत खराब
अतिशय जल उपभोग वाले ब्लॉक पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी यूपी, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु में केंद्रित हैं. इनमें से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली की हालत सबसे खराब है. राजस्थान में आकलन किए गए 248 ब्लॉक में से 66 फीसदी अतिशय दोहन वाले दायरे में हैं. इसके बाद दिल्ली (56%) का स्थान है. गौरतलब है कि देश में सिंचाई जरूरत का 60 फीसदी हिस्सा, पेयजल जरूरत का 85 फीसदी हिस्सा और शहरी जल जरूरतों का करीब 50 फीसदी हिस्सा भूजल से आता है.