Advertisement

खेतों में पराली पर केंद्र का जवाब- दी जा रही सब्सिडी से काम चलाएं राज्य

पंजाब और हरियाणा की सरकारों ने केंद्र सरकार से कहा है कि अगर किसानों को पराली जलाने से रोकना है तो उन्हें खेतों से पराली साफ करने के लिए मशीनों का या फिर मजदूरों का इस्तेमाल करना होगा जिसपर काफी खर्च आएगा. इन दोनों राज्यों ने केंद्र सरकार के सामने मांग रखी है कि किसानों के इस खर्च का बोझ केंद्र सरकार उठाए.

 खेतों में पराली जलाना (फोटो क्रेडिट- रॉयटर्स) खेतों में पराली जलाना (फोटो क्रेडिट- रॉयटर्स)
बालकृष्ण/सुरभि गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 10 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 5:51 PM IST

दिल्ली में जानलेवा प्रदूषण का एक बड़ा कारण पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में किसानों का खेतों में पराली जलाना बताया जा रहा है.  किसानों को पराली जलाने से रोका कैसे जाए इसको लेकर राजनीति गर्मा गई है. राज्यों का कहना है कि पराली साफ करने पर होने वाला खर्च केंद्र सरकार उठाए, तभी किसानों को पराली जलाने से रोका जा सकता है. वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री ने राज्यों की इस मांग को नकार दिया है.

Advertisement

राज्यों की मांग पर ये है केंद्र का जवाब

पंजाब और हरियाणा की सरकारों ने केंद्र सरकार से कहा है कि अगर किसानों को पराली जलाने से रोकना है तो उन्हें खेतों से पराली साफ करने के लिए मशीनों का या फिर मजदूरों का इस्तेमाल करना होगा जिसपर काफी खर्च आएगा. इन दोनों राज्यों ने केंद्र सरकार के सामने मांग रखी है कि किसानों के इस खर्च का बोझ केंद्र सरकार उठाए. लेकिन 'आज तक' के साथ खास बातचीत में केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने राज्यों की इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया है. राधामोहन सिंह ने कहा कि अगर पराली नहीं जलाने के लिए किसानों को सब्सिडी दिए जाने की जरूरत है तो इसका खर्च राज्यों को खुद ही उठाना होगा.

दी जा रही सब्सिडी से किसानों की मदद करें राज्य: केंद्र

Advertisement

राज्यों के तरफ से सब्सिडी की मांग को खाजिज करने के पीछे राधामोहन सिंह का तर्क ये है कि इन राज्यों को केंद्र सरकार कृषि का मशीनीकरण करने के लिए जो धन मुहैया कराती है, उसे पहले ही दोगुना किया जा चुका है और राज्यों को सब्सिडी के लिए इसी का उपयोग करना चाहिए. कृषि मंत्री ने कहा कि अब ऐसी मशीनें उपलब्ध हैं, जिनका अगर उपयोग किया जाए तो खेतों से फसल काटने का बाद बची हुई पराली या पुआल हटाने के लिए उसे जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. उन्होंने कहा कि अब ये राज्य सरकारों को देखना है कि केंद्र सरकार ने खेती के मशीनीकरण के लिए जो फंड दिया है उसका इस्तेमाल इन मशीनों को खरीदने में किया जाए.

इसलिए पराली जलाते हैं किसान

किसान इन दिनों बड़े पैमाने पर खेतों में धान की फसल काटने के बाद बची हुई पराली को जला कर खेतों को खाली करते हैं क्योंकि उन्हें कुछ ही दिनों बाद गेहूं की बुवाई के लिए खेतों को तैयार करना होता है. पहले किसान मजदूरी देकर खेतों से पराली साफ करवाते थे. लेकिन जैसे-जैसे मजदूरी मंहगी होती गई किसान पैस बचाने के लिए खेतों में आग लगाकर धान की पराली को खत्म करते हैं. पराली जलने से जो धुंआ और राख हवा में उठती है, वो दिल्ली की हवा में आकर इसे और जहरीला बना देती है. लेकिन किसान पराली ना जलाएं इसको लेकर तमाम कोशिशें राजनीति का शिकार हो गई हैं और खेतों में पराली का जलाया जाना अब भी जारी है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement