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केंद्र सरकार ने फिलहाल तंबाकू उत्पादों पर तस्वीरों के रूप में छापी जाने वाली चेतावनियों का आकार बढ़ाने का अपना फैसला स्थगित कर दिया है. इस मामले पर विचार के लिए गठित संसदीय समिति की ओर से और वक्त मांगे जाने के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है.
सार्वजनिक जगह पर तंबाकू चबाया, तो...
अगर सरकार इस फैसला को लागू कर देती तो तंबाकू उत्पादों पर पर तस्वीरों के रूप में छापी जाने वाली चेतावनियों का आकार मौजूदा 40 फीसदी से बढ़कर 85 फीसदी हो जाता और भारत ऐसा करने वाला दुनिया का एक मात्र देश बन जाता.
स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने जोर देते हुए कहा कि सरकार तंबाकू उत्पादों पर छपने वाली चित्र चेतावनियों का आकार बढ़ाने और किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन रोकने के अपने फैसले को लेकर प्रतिबद्ध है और संसदीय समिति को भी इससे अवगत करा दिया गया है.
उन्होंने कहा, समिति ने कहा है कि वह मामले पर और विचार करना चाहती है. उन्होंने विचार-विमर्श के लिए और वक्त मांगा है. उस वक्त तक विज्ञापनों और पैकेटों पर आने वाली चेतानवियां स्थगित रहेंगी. नड्डा ने कहा कि लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले में जो भी कहा है, उसपर अडिग है. हमने कहा है कि चेतावनियों की आवश्यकता है. स्वास्थ्य मंत्रालय अपने रुख पर कायम है.
आपको बता दें कि तंबाकू और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, 2003 के प्रावधानों के परीक्षण के लिए गठित एक संसदीय समिति ने संसदीय समिति ने चौंकाने वाला बात कही है. इस संसदीय समिति प्रमुख दिलीप गांधी ने बताया कि तंबाकू उत्पादों के सेवन से कैंसर होता है, इसकी पुष्टि करने के लिए कोई भारतीय अनुसंधान उपलब्ध नहीं है. सभी अध्ययन विदेशों में हुए हैं और किसी को भारतीय परिपे्रक्ष्य को भी ध्यान में रखना चाहिए.
इनपुट- एजेंसी