
नोटबंदी के फैसले पर विपक्षी दलों की ओर से लगातार हमलों की सामना कर रही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपने फैसले का बचाव किया है. केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में नोटबंदी के मामले पर हलफनामा दायर किया और कहा कि इस कदम से 70 साल के ब्लैक मनी के बोझ को सरकार ने खत्म करने का प्रयास किया है. सरकार ने कहा कि ये काले धन को बाहर निकलने का एक प्रयास है.
जीडीपी का 12 प्रतिशत कैश ट्रांजैक्शन
केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि दुनिया में जीडीपी का महज 4 प्रतिशत कैश ट्रांजैक्शन होता है, लेकिब हमारे देश में ये जीडीपी का 12 प्रतिशत है, ऐसे में नोटबंदी का कदम ज्यादा कैश ट्रांजैक्शन को खत्म कर, उसको डिजिटल करने के लिए उठाया गया है.
नकली नोट आए सामने
सरकार ने कहा है कि नोटबंदी के कारण सैकड़ों-करोड़ों नकली नोट निकले हैं, आतंकवाद पर लगने वाले पैसे बाहर निकले रहे हैं. सरकार ने इस फैसले के लिए कानूनी पहलू भी गिनाए हैं. जिसमें कहा गया है कि आरबीआई एक्ट-26 और बैंक रेगुलेशन एक्ट के तहत सरकार को करेंसी नोट का लीगल टेंडर हटाने का अधिकार है और कुछ सेवाओं में पुरानी करेंसी को छूट देने का भी अधिकार हैं.
किसानों को राहत के इंतजाम
सरकार ने कहा है कि रोजाना स्थिति की मॉनिटरिंग हो रही है और स्थिति का आकलन करते हुए समय-समय पर लोगों को राहत दी जा रही हैं. किसानों को बीज आदि खरीदने के लिए पुराने नोटों के इस्तेमाल की छूट दी गई है.
फैसलों की दी जानकारी
हलफनामे में सरकार ने कहा है कि काले धन पर हमने एसआईटी बनाई, बेनामी संपति से सम्बंधित अमेंडमेंट एक्ट को पास कराया. हालांकि, नोटबंदी के कारण लोगों को थोड़ी दिक्कत हो रही है लेकिन एटीएम मशीनों को नई करेंसी रिलीज करने लायक बनाया जा रहा है.
अहमद अजीम