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केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को दिए जाने वाले ओवरटाइम भत्ते को बंद करने का फैसला किया है. हालांकि, इसमें परिचालन से जुड़े कर्मचारी अपवाद रहेंगे यानी ऑपरेशनल कर्मचारी और औद्योगिक कर्मचारियों को छोड़ बाकी का ओवरटाइम भत्ता बंद हो जाएगा. सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिश की बाद केंद्र की ओर से ये कदम उठाया गया है.
व्यय विभाग ने स्पष्ट किया है कि सरकार ने तय किया है कि सालों के दौरान वेतन में हुई वृद्धि को देखते हुए विभिन्न श्रेणियों के लिए सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की ओवरटाइम भत्ते (ओटीए) को बंद करने की सिफारिश स्वीकार की जा सकती है. हालांकि, संचालन-परिचालन से जुड़े कर्मचारी एवं औद्योगिक कर्मचारी उसके अपवाद होंगे जो सांविधिक प्रावधानों से संचालित होते हैं.
इसी के अनुसार सभी मंत्रालयों/विभागों तथा उनसे संबद्ध एवं अधीनस्थ भारत सरकार के कार्यालयों में यह फैसला लागू करने का निर्णय लिया गया है.
परिचालन से संबद्ध कर्मचारी केंद्र सरकार के ऐसे सभी मंत्रालयेत्तर गैर राजपत्रित कर्मचारी हैं जो कार्यालय के सुचारु संचालन से सीधे लगे रहते हैं.
उनमें इलेक्ट्रिकल या मेकेनिकल उपकरणों का संचालन करने वाले कर्मचारी भी आते हैं. मंत्रालय ने कहा कि संबंधित मंत्रालयों/विभागों के प्रशासिनक निकायों से संचालन-परिचालन से संबद्ध कर्मचारियों की सूची तैयार करने और उसके साथ तर्कसंगत कारण बताने को कहा गया है. सरकार ने उनके ओटीए की दर भी संशोधित नहीं करने का फैसला किया है.