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मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर सरकार सख्त, राज्यों को हिंसा रोकने के निर्देश

गृहमंत्रालय की एडवाइजरी के मुताबिक सभी राज्य निर्देश जारी करें कि अफवाह फैलने और उसकी वजह से हिंसा रोकने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी. जिला प्रशासन को ये सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि वो सोशल मीडिया पर लगातार नजर रखे और बच्चा चोरी के अफवाहों को फैलने से पहले ही रोकने के लिए कदम उठाए.

राजनाथ सिंह (फाइल फोटो) राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)
रणविजय सिंह/जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 05 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 8:23 PM IST

सोशल मीडिया पर बच्चा चोरी की अफवाह और भीड़तंत्र के इंसाफ में निर्दोषों की पिटाई की घटनाओं में ढाई दर्जन लोगों की हत्या और 100 लोगों के घायल होने के बाद गृहमंत्रालय इसे लेकर सख्त हुआ है. गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी भेजकर सोशल मीडिया पर अफवाहों के बाद हिंसा रोकने को कहा है.

गृहमंत्रालय की एडवाइजरी के मुताबिक सभी राज्य निर्देश जारी करें कि अफवाह फैलने और उसकी वजह से हिंसा रोकने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी. जिला प्रशासन को ये सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि वो सोशल मीडिया पर लगातार नजर रखे और बच्चा चोरी के अफवाहों को फैलने से पहले ही रोकने के लिए कदम उठाए.

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गृहमंत्रालय की एडवाइजरी में कहा गया है कि जिला प्रशासन उन तमाम इलाकों की पहचान करे जहां से बच्चा चोरी की अफवाहें फैली हैं और भीड़तंत्र उसे रोकने के लिए पहरेदारी के नाम पर हिंसा पर उतारू हो सकते हैं.

गृहमंत्रालय की एडवाइजरी में ये भी कहा गया है कि जिला प्रशासन संवेदनशील इलाकों की पहचान कर नागरिकों में सोशल मीडिया पर अफवाहों के प्रति जागरूकता अभियान चलाए ताकि भीड़ की हिंसा का खामियाजा किसी निर्दोष को ना भुगतना पड़े.

दरअसल गृहमंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पिछले साल पूरे देश में बच्चों के गायब होने की घटनाएं हुईं, लेकिन उनकी जांच और बच्चों की बरामदगी नहीं हुई. गृहमंत्रालय के अफसरों के मुताबिक ये बच्चा चोरी के अफवाहों के पीछे बड़ी वज़ह हो सकती है. गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वो बच्चा चोरी के मामलों की जांच प्राथमिकता के आधार पर करे. साथ ही गायब हुए बच्चों की बरामदगी कर जनता का भरोसा जीतें.

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गृहमंत्रालय ने राज्यों की पुलिस के साइबर सेल को अफवाह फैलाने वालों पर नज़र रखने को कहा है. सायबर सेल को कहा गया है कि वॉट्सएप और फेसबुक के जरिए फेक वीडियो और फेक न्यूज डालने से सख्ती से निपटने को कहा गया है. वहीं, आईटी मिनिस्ट्री के कड़े निर्देश के बाद वॉट्सएप ने अफवाहों को रोकने के लिए अलग से सुरक्षा फीचर बनाने का वायदा किया है.

इस बीच आईटी मंत्रालय और गृहमंत्रालय सोशल मीडिया पॉलिसी बनाने में जुट गई है ताकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के गलत इस्तेमाल पर नकेल कसी जा सके. आईटी मंत्रालय को सोशल मीडिया पॉलिसी ड्राफ्ट तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया है. गृहमंत्रालय सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ जल्द ही बैठक बुलाएगी. इसमें विचार होगा की सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आपत्तिजनक और नफरत फैलाने वाले पोस्ट को फैलने से कैसे रोका जाए.

गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, आईटी मंत्रालय के अलावा ट्विटर, वॉट्सएप और फेसबुक के प्रतिनिधियों को भी इस बैठक में बुलाया जाएगा. जल्द ही सरकार बैठक का एजेंडा और तारीख तय कर उसमें शामिल होने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के टॉप मैनेजमेंट और आईटी एक्सपर्ट को बुलाएगी.

सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से कहेगी कि वो अपने मीडियम का गलत इस्तेमाल होने से रोके. एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, सोशल मीडिया प्लेटफार्म को सरकार निर्देश देगी की आईटी एक्ट की धारा 69 का इस्तेमाल कर नफरत फैलाने वाले मैसेज, फ़ोटो और वीडियो को फैलने या वायरल होने से पहले ही ब्लॉक करें.

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