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अब राज्यों पर केन्द्र का दबाव, पेट्रोल-डीजल पर राहत के लिए कम करें अपना वैट

सूत्रों के मुताबिक केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखकर अपील करेंगे कि वह भी पेट्रोल-डीजल पर लिए जाने वाले स्टेट टैक्स में कटौती का ऐलान करें.

केंद्र लिखेगा राज्यों से अपील केंद्र लिखेगा राज्यों से अपील
राहुल श्रीवास्तव
  • नई दिल्ली,
  • 04 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 2:57 PM IST

देश में बेतहाशा बढ़ती पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर दबाव में आई केन्द्र सरकार ने अपने खजाने को 26,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की चपत लगाते हुए एक्साइड ड्यूटी में कटौती का ऐलान किया. इस ऐलान से आम आदमी के लिए पेट्रोल और डीजल में प्रति लीटर 2 रुपये की कटौती हुई. अब केन्द्र सरकार ने राज्य सरकारों पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में और कटौती करने के लिए दबाव बनाने की तैयारी कर ली है.

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सूत्रों के मुताबिक केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखकर अपील करेंगे कि वह भी पेट्रोल-डीजल पर लिए जाने वाले स्टेट टैक्स में कटौती का ऐलान करें. अब यदि राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल पर अपने टैक्स में कटौती करती हैं तो आम आदमी को इन जरूरी इंधन की बढ़ती कीमतों से थोड़ी राहत मिलेगी.

गौरतलब है कि मंगलवार को केन्द्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल के बेसिक एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की है. यह कटौती अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार हो रहे इजाफे के बाद की गई. अब कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से आम आदमी को बचाने के लिए राज्य सरकारों को फैसला लेना होगा.

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पेट्रोल और डीजल जीएसटी से बाहर हैं और सभी राज्य सरकारें वैट के जरिए इन इंधनों से अपने लिए राजस्व एकत्र करती हैं. पेट्रोल पर देश के 26 राज्यों में कम से कम 25 फीसदी स्टेट वैट वसूला जाता है. वहीं महाराष्ट्र में यह टैक्स लगभग 49 फीसदी है. वहीं डीजल पर 15 राज्यों में 20 फीसदी स्टेट वैट लिया जाता है और आंध्रप्रदेश में सर्वाधिक 31 फीसदी स्टेट वैट वसूला जाता है.

ये हैं डीजल पर टैक्स का गणित और राज्य सरकार की कमाई

दिल्ली में 9 सितंबर 2017 को एक डीलर के लिए 1 लीटर डीजल की कीमत 29.98 रुपये थी. इसपर डीलर कमीशन 2.17 रुपये है. केन्द्र सरकार इस एक लीटर डीजल पर 17.33 रुपये बतौर सेंट्रल एक्साइड वसूलती है. और दिल्ली सरकार 8.58 रुपये बतौर स्टेट वैट वसूलती है.

अब केन्द्र सरकार अपने सेट्रल एक्साइज से वसूले गए 17.33 रुपये में से 7.27 रुपये राज्य सरकार को लौटा देगी, जिससे एक लीटर डीजल पर राज्य सरकार की आमदनी बढ़कर 15.85 रुपये हो जाती है. लिहाजा राज्य में एक लीटर डीजल 58.06 रुपये पर बेचकर राज्य सरकार को 15.85 रुपये की आमदनी होती है. आम आदमी की जेब से एक लीटर डीलज के लिए निकले पैसे का यह 27 फीसदी है.

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ये है पेट्रोल पर टैक्स का गणित और राज्य सरकार की कमाई

दिल्ली में 9 सितंबर 2017 को 1 लीटर पेट्रोल की कीमत 70.43 रुपये है. जबकि डीलर को एक लीटर पेट्रोल 30.42 रुपये में मिला. इसपर डीलर को 3.42 रुपये का कमीशन दिया गया और सेंट्रल एक्साइज के तौर पर केन्द्र सरकार ने 21.48 रुपये वसूले. राज्य सरकार ने अपने वैट के जरिए अतिरिक्त 14.89 रुपये वसूले.

लेकिन उसे 9.02 रुपये केन्द्र सरकार द्वारा वसूले गए सेंट्रल एक्साइज से और दे दिए गए जिससे 1 लीटर पेट्रोल में राज्य सरकार को कुल 23.91 रुपये की आमदनी हुई. यह 1 लीटर पेट्रोल के लिए आम आदमी की जेब से निकले पैसे का 33 फीसदी है.

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