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ग्राहकों को GST का फायदा नहीं दिया, तो रद्द कर दिया जाए लाइसेंस

'राष्ट्रीय मुनाफाखोरी निरोधक प्राधिकरण' के पास किसी फर्म या इकाई का पंजीकरण रद्द करने का अधिकार होगा. नियमानुसार अगर कोई कंपनी या वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के तहत निम्न करों का फायदा उपभोक्ताओं को नही दिया गया तो इस प्राधिकार के तहत लाइसेंस रद्द हो सकता है.

उपभोक्ताओं को करों का फायदा ना देंने पर रद्द हो सकता है कंपनी का लाइसेंस उपभोक्ताओं को करों का फायदा ना देंने पर रद्द हो सकता है कंपनी का लाइसेंस
केशवानंद धर दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 21 जून 2017,
  • अपडेटेड 12:54 PM IST

देश भर में 1 जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू होने जा रहा है. इस बीच वित्त मंत्रालय की तरफ से यह साफ किया गया है कि जीएसटी के लागू होने के बाद अगर कोई कंपनी या फर्म अपने ग्राहकों को टैक्स छूट का फायदा नहीं तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा.

इन मुनाफाखोर कंपनियों पर नजर रखने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय मुनाफाखोरी निरोधक प्राधिकरण गठित करने का प्रस्ताव दिया है, जिसके पास मुनाफाखोरी में लिप्त पाई जाने वाली किसी फर्म या इकाई का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का अधिकार होगा. नए नियमों के हिसाब से अगर कोई कंपनी या फर्म जीएसटी के तहत निम्न करों का फायदा उपभोक्ताओं को नहीं देता, तो उसका लाइसेंस रद्द हो सकता है. साथ ही नई टैक्स सिस्टम के तहत यह अथॉरिटी कराधान में कमी को देखते हुए कीमत घटाने का आदेश दे सकता है.

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बता दें कि इस अथॉरिटी के प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी होंगे. इस अथॉरिटी के तहत कम टैक्स का फायदा ग्राहकों को नहीं देने वाले किसी कारोबारी को इस वजह से मिलने वाले गैर-वाजिब मुनाफे को 18 पर्सेंट के इंट्रेस्ट के साथ लौटाने के लिए मजबूर करने की शक्ति होगी. अथॉरिटी ग्राहकों को कीमतों में कमी कर टैक्स का फायदा देने को तय करने के तरीके पर खुद फैसला करेगी.

इस तरह से करें शिकायत
शिकायत करने के लिए ये एक नेशनल लेवल की कमैटी होंगी. राज्य, स्थानीय समस्याओं की जांच के लिए एक अलग से स्क्रीनिंग कमैटी बनाएगा. स्क्रीनिंग कमिटी अपने निष्कर्ष स्टैंडिंग कमिटी को भेजेगी. बता दें कि शिकायत की शुरुआती जांच के लिए दो महीने की सीमा तय की गई है. सबसे पहले शिकायत को उपयुक्त जांच के लिए डायरेक्टर जनरल ऑफ सेफगार्ड्स के पास भेजा जाएगा. डायरेक्टर जनरल तीन महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट अथॉरिटी को देंगे. इसके बाद अथॉरिटी बहुमत से फैसला करेगी.

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चेयरमेन को वेतन के अलावा भत्तें भी दिए जाएंगे
सभी एंटिटीज को अथॉरिटी की ओर से पास किए गए ऑर्डर का पालन करना होगा. अगर ऐसा ना किया गया तो उनसे जीएसटी कानून के अनुसार रकम वसूली जाएगी. इसके चेयरमेन को 2.25 लाख के मासिक वेतन के अलावा केंद्र सरकार के समान पद पर तैनात अधिकारी को मिलने वाले अन्य भत्ते और लाभ दिए जाएंगे. टेक्निकल मेंबर्स को 2,05,400 रुपये का मासिक वेतन मिलेगा.

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