
Chanakya Niti In Hindi: मनुष्य के लिए सुख का मतलब भौतिक संसाधन नहीं है. चाणक्य के मुताबिक सुख का असली मतलब आत्म संतुष्टि और आत्मा से है. वो कहते हैं कि मनुष्य को सुखी होने के लिए सिर्फ अपने आचरण में बदलाव करना होता है. अपने नीति ग्रंथ में चाणक्य ने सुख की प्राप्ति के लिए कई बातों का वर्णन किया है. आइए जानते हैं उनके बारे में...
सत्य
चाणक्य के मुताबिक सत्य ही असल सुख है. सत्य के मार्ग पर चलकर मिलने वाले सुख का आनंद सबसे उत्तम होता है. सत्य का आवरण मनुष्य के व्यक्तित्व को सुशोभित करता है.
त्याग
मनुष्य के लिए सुख रास्ते में सबसे बड़ी बाधा उसके अंदर त्याग की भावना का न होना है. जिस व्यक्ति के भीतर त्याग की भावना होती है वो परम सुख की प्राप्ति करता है.
अनुशासन
अनुशासित व्यक्ति किसी भी काम को कर पाने में सक्षम होता है. अनुशासन उसे धैर्यवान बनाता है. साथ ही उसकी जीवन शैली को संतुलन प्रदान करता है. चाणक्य के मुताबिक अनुशासित मनुष्य जीवन के कठिनाइयों का आसानी से सामना कर पाता है.
अध्यात्म
अध्यात्म के मनुष्य के मन को शांति प्रदान करने का बेहतर जरिया माना गया है. अध्यात्म ही व्यक्ति को इश्वर से जुड़ने में मदद करता है. मन की एकाग्रता के लिए अध्यात्म को आवश्यक माना गया है.
प्रकृति
प्रकृति मनुष्य के जीवन के लिए सबसे आवश्यक है, या फिर ये भी कहा जा सकता है कि प्रकृति ही मनुष्य को जीवन प्रदान करती है. जन्म लेने से मृत्यु तक मनुष्य के सभी जरूरतों का आधार प्रकृति ही है. इसलिए प्रकृति का आभार व्यक्त करना चाहिए. मनुष्य को प्रकृति का नुकसान करने से बचना चाहिए.