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कासगंज हिंसा: चंदन के परिवार ने चेक लेने से किया इनकार, कहा- हमें न्याय चाहिए

मृतक चंदन गुप्ता के परिजन हिंसा के बाद से धरने पर बैठे हैं. सोमवार को कासगंज के डीएम आरपी सिंह समेत आला अधिकारी मृतक चंदन के परिजनों को मुआवजे का चैक देने पहुंचे थे. लेकिन उन्होंने चैक लेने से मना कर दिया. 

चंदन गुप्ता. चंदन गुप्ता.
आदित्य बिड़वई/आशुतोष मिश्रा
  • कासगंज ,
  • 29 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 1:27 PM IST

गणतंत्र दिवस पर तिरंगा रैली के दौरान भड़की हिंसा जरूर थम गई हो, लेकिन लोगों ने अब तक नाराजगी बनी हुई है. सोमवार को मृतक चंदन गुप्ता के परिवार वालों ने 20 लाख मुआवजे का चेक लेने से इनकार कर दिया है.

मिली जानकारी के अनुसार, मृतक चंदन गुप्ता के परिजन हिंसा के बाद से धरने पर बैठे हैं. सोमवार को कासगंज के डीएम आरपी सिंह समेत आला अधिकारी उन्हें मुआवजे का चेक देने पहुंचे थे. लेकिन उन्होंने इसे लेने से मना कर दिया.  

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चंदन के परिवार वालों का कहना है कि, "जब तक चंदन का हत्यारा पकड़ा नहीं जाता तब तक हम पैसे नहीं लेंगे, हमें न्याय चाहिए. चंदन को शहीद का दर्जा दिया जाए. उसे गोली मारी गई है. वह केवल 22 साल का था. जब तक आरोपी पकड़े नहीं जाते तब तक हम धरना जारी रखेंगे. "

आज तक से बातचीत करते हुए डीएम ने कहा कि उनके परिवार की मांग पूरा करना उनके बस में नहीं है, लेकिन अगर चंदन गुप्ता का परिवार लिखित रूप से मांग करेगा तो वह शहीद का दर्जा देने वाले उस याचिका को सरकार तक भेजेंगे. DM का कहना है कि शहर में सब कुछ सामान्य हो चुका है और आगे तनाव की स्थिति बनने नहीं पाएगी.

बता दें कि हिंसा के बाद हालात सामान्य करने के लिए सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मोर्चा संभाले हुए हैं. इसके बावजूद तनाव बना हुआ है. योगी सरकार ने हिंसा में मारे गए चंदन के परिवार वालों को 20 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया था.

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अब तक हिंसा फैलाने के मामले में 112 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें 7 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं, हिंसा में मारे गए चंदन पर हमले का मुख्य आरोपी शकील अब भी फरार है. पुलिस ने उसके घर की तलाशी ली, जहां देसी बम और पिस्टल मिले.

क्या हुआ था कासगंज में...

26 जनवरी को जब पूरा देश और दुनिया के 10 देशों के नेता दिल्ली में राजपथ पर भारत की आन, बान और शान के नमूने देख रहे थे. उसी दौरान यूपी के कासगंज में हिंसा की चिंगारी फैल गई. जिसने एक नौजवान की जान ले ली और पूरे शहर में खौफ का माहौल पैदा हो गया.

क्यों और कैसे शुरू हुआ फसाद

26 जनवरी

सुबह करीब 10 बजे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े करीब 100 युवा बाइकों पर तिरंगा यात्रा निकालते हैं. इसी दौरान उनका काफिला बलराम गेट इलाके की तरफ पहुंचता है, जो मुस्लिम बाहुल्य है. यहां मौजूद नौजवानों और एबीवीपी कार्यकर्ताओं के बीच कहासुनी हो जाती है.

- आरोप है कि ये कहासुनी वंदे मातरम कहना होगा और पाकिस्तान से जुड़े नारों को लेकर हुई.

- इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच गहमागहमी इतनी बढ़ गई कि इलाके के लोग जमा होने लगे. कुछ ही मिनटों में बड़ी संख्या में बलराम गेट इलाके के लोग जमा हो गए.

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- इसके बाद बाइकों पर आए छात्र नेताओं को वहां से भागना पड़ा. हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए.

- इसी खींचतान के बीच पत्थरबाजी शुरू हो गई और फायरिंग भी हुई. जिसमें वहां मौजूद चंदन गुप्ता नाम के युवक को गोली लग गई. बी-कॉम थर्ड ईयर के छात्र चंदन को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

- पत्थरबाजी में नौशाद नाम का युवक भी घायल हो गया, जबकि कई और युवकों भी चोटें आईं.

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