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चंडीगढ़/मोहाली: यही है सपनों की मंजिल

रियल एस्टेट का नया केंद्र चंडीगढ़ से जुड़ा मोहाली है. अगले 10 साल में यह विकास के लिहाज से चंडीगढ़ के साथ कदमताल करेगा.

असित जॉली
  • मोहाली,
  • 09 फरवरी 2013,
  • अपडेटेड 10:32 PM IST

पंजाब की राज्य स्तर की बड़ी रियल एस्टेट कंपनी जेएलपीएल के 49 वर्षीय मैनेजिंग डायरेक्टर कुलवंत सिंह कहते हैं, ''लंबे समय से पंजाब के सुदूर इलाकों में भी रहने वाले हर पंजाबी का चंडीगढ़ में एक घर होने का सपना रहा है. शहर को बसे 50 साल से ज्यादा हो गए हैं, अब जाकर बहुतों का सपना पूरा हुआ है.” पर अब चंडीगढ़ में नहीं बल्कि शायद उससे भी बेहतर बन सकने वाले उसके उपनगर मोहाली में एक मकान होने का सपना लोग देख रहे हैं.

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दो महीने पहले की ही बात है. मोहाली में 48 घंटे के भीतर एक 10 मंजिला कॉमर्शियल बिल्डिंग तैयार कर दी गई. इसे बनाने वाले सिनर्जी ग्रुप के मुखिया 46 वर्षीय हरपाल सिंह का दावा है कि वे भारत में कॉमर्शियल और रेजिडेंशियल भवन निर्माण का चेहरा बदल देंगे. वे बताते हैं कि देश में अगले एक दशक में 2.64 करोड़ नए मकानों की जरूरत होगी और निर्माण कार्य में इसी तरह की तेजी से इसे संभव बनाया जा सकता है. 24 जनवरी को सिनर्जी ने मोहाली में 24 घंटे के भीतर एक रेजिडेंशियल फ्लैट बनाकर दिखा दिया. हरपाल सिंह कहते हैं, ''मैं एकमात्र व्यक्ति हूं जो गुजरात के गरीबों को अगले पांच साल में 50 लाख मकान देने के नरेंद्र मोदी के वादे को पूरा करने में मदद कर सकता है.”

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मोहाली रियल एस्टेट का नया केंद्र है और अगले 10 वर्षों में आबादी और आकार दोनों के लिहाज से चंडीगढ़ को पीछे छोड़ सकता है. तब मोहाली में 50 लाख लोगों के रहने का अनुमान है, जो चंडीगढ़ की मौजूदा आबादी का पांच गुना होगा. सिंगापुर के ज्यूरोंग कंसल्टेंट्स का डिजाइन किया ग्रेटर मोहाली करीब 12,000 एकड़ जमीन पर फैला है. 250-250 एकड़ के 48 नए सेक्टर बने हैं और इनमें तेजी से निर्माण हो रहा है. रियल एस्टेट कारोबारी आइ.पी. सिंह बताते हैं, ''मोहाली असल में चंडीगढ़ का प्राकृतिक विस्तार बन गया है. यहां विस्तार की अपार संभावनाएं हैं.” वे अब विदेश में रह रहे बहुत से पंजाबियों का प्रॉपर्टी मैनेजमेंट भी देख रहे हैं.

मास्टर प्लान का यहां सख्ती से पालन हो रहा है. इस वजह से यह रियल एस्टेट में निवेश के लिए बेहद उपयुक्त बन गया है. मोहाली में फाइव स्टार होटल के लिए 38 साइट मंजूर हो चुकी हैं. रेडिसन ब्लू, हिल्टन जैसे ज्यादातर इंटरनेशनल चेन यहां होटल खोलने पर विचार कर रहे हैं. यूनिटेक, एमार-एमजीएफ , अंसल्स, टीडीआइ, पर्ल और वेव एस्टेट जैसे कई दिग्गज बिल्डरों ने यहां बड़े रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल निर्माण किए हैं. जेएलपीएल जैसे बिल्डरों ने ग्राहकों को पॉजेशन भी दे दिए हैं. इंश्योरेंस मैनेजर 55 वर्षीय सुनील पस्सी परिवार को बेहतर जिंदगी देने के लिए लुधियाना से यहां आकर बस गए. रीजेंसी टावर में पांचवीं मंजिल पर अपने तीन बेडरूम के फ्लैट में खुश पस्सी बताते हैं, ''यहां शायद ही किसी तरह का प्रदूषण है. कोई ट्रैफिक जाम नहीं. हम चंडीगढ़ से 10-15 मिनट की ड्राइविंग पर रहते हैं.” उनके 45 लाख रु. के मकान की आज तीन गुना कीमत है.

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होशियारपुर के 38 वर्षीय लेखक खुशवंत सिंह को चिनार के पेड़ बेचने से जो पैसे मिले, उसे निवेश के लिए उन्होंने चंडीगढ़ की बजाए मोहाली को चुना. वे कहते हैं, ''कई इंस्टीट्यूट, एयरपोर्ट और आठ लेन का हाइवे यहां बन रहे हैं. पर सबसे बढ़कर यह जगह अब भी मध्य वर्ग के उन निवेशकों की पहुंच में है जिनके लिए चंडीगढ़ में प्रॉपर्टी लेना चांद पर पहुंचने जैसा हो सकता है.”

मोहाली इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार मिलकर कर रही हैं. शिक्षा भी मोहाली में निवेशकों के आकर्षण की बड़ी वजह है. यहां के 'नॉलेज सिटी’ में इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आइएसबी) और इंडियन स्कूल ऑफ साइंटिफिक एजुकेशन ऐंड रिसर्च (आइआइएसईआर) के कैंपस खुल गए हैं. एम्स जैसा संस्थान भी खुल रहा है.

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