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जहरीली हुई पंजाब और चंडीगढ़ की हवा, गिरा एयर क्वालिटी इंडेक्स

चंडीगढ़ और आसपास के इलाकों में हवा के गिरते स्तर को देखते हुए सरकार ने लोगों को बाहर न निकलने की सलाह दी है. हरियाणा और पंजाब की तरफ से जारी की गई एडवाइजरी में कहा गया है कि यदि सांस लेने में दिक्कत हो तो सुबह या शाम की सैर से परहेज करें.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
मनजीत सहगल
  • चंडीगढ़,
  • 15 जून 2018,
  • अपडेटेड 7:48 PM IST

पिछले 3 दिनों से चंडीगढ़ और आसपास के इलाकों में डेरा जमाए धूल का गुबार अब हवा के स्तर पर भारी पड़ रहा है. चंडीगढ़ के सेक्टर 17 का एयर क्वालिटी इंडेक्स 694 तक गिर गया है जो पिछले 10 सालों के दौरान सबसे निचले स्तर पर है.

यह गिरावट पिछले तीन दिनों के दौरान दर्ज की गई है जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है. इस प्रदूषण से न केवल दमे और दूसरे रोगियों बल्कि साधारण लोगों को भी सांस लेने में दिक्कतें आ रही हैं.

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चंडीगढ़ और आसपास के इलाकों में हवा के गिरते स्तर को देखते हुए सरकार ने लोगों को बाहर न निकलने की सलाह दी है. हरियाणा और पंजाब की तरफ से जारी की गई एडवाइजरी में कहा गया है कि यदि सांस लेने में दिक्कत हो तो सुबह या शाम की सैर से परहेज करें.

चंडीगढ़ के निवासी गुरुप्रीत सिंह सोहल के मुताबिक वायु प्रदूषण के कारण न केवल सांस लेने में कठिनाई हो रही है बल्कि आंखों में जलन भी हो रही है. हवा के गुबार ने एक तरफ जहां विजिबिलिटी घटा दी है तो वहीं लोगों को लगातार दूसरे दिन फ्लाइट्स रद्द होने के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

चंडीगढ़ के एक और निवासी पंकज शर्मा के मुताबिक एयर क्वालिटी इंडेक्स गिरने के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. उन्होंने धूल के गुबार को एक कुदरती आपदा का नाम भी दे दिया.  

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पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में पिछले तीन दिनों से धूल भरी हवा का गुबार छाया हुआ है. इस जहरीली हवा ने चंडीगढ़ के एयर क्वालिटी इंडेक्स को खतरनाक स्तर तक गिरा दिया है.

चंडीगढ़ के अलावा हरियाणा के पंचकूला में भी एयर क्वालिटी इंडेक्स 650 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब तक पहुंच गया. पंजाब के मंडी गोविंदगढ़ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 माइक्रोग्राम दर्ज किया गया.

उड़ानों पर पड़ रहा असर

हवा में फैले प्रदूषण का सबसे बुरा असर चंडीगढ़ से उड़ने और उतरने वाली फ्लाइट पर पड़ा है. हवा के गुब्बार ने विजिबिलिटी को 800 से 1500 मीटर तक कम कर दिया है, जबकि एक जहाज को उड़ान भरने के लिए कम से कम 2500 मीटर की विजिबिलिटी जरूरी होती है.

उधर मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 से 36 घंटों तक धूल के गुबार से निजात नहीं मिलने वाली है. चंडीगढ़ मौसम विभाग के प्रमुख डॉक्टर सुरेंद्र पाल ने बताया कि अगले 48 घंटों के दौरान पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश हो सकती है जिससे धूल के गुब्बार से छुट्टी मिलने की संभावना है.

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