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CAA के खिलाफ लाएंगे प्रस्ताव, देश को हिंदू राष्ट्र बना रही BJP: केसीआर

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) ने नागरिकता संसोधन कानून का विरोध किया है. उन्होंने कहा है कि सीएए एक गलत फैसला है. तेलंगाना सरकार भी सीएए के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर सकती है. 

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (फोटो-PTI) तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (फोटो-PTI)
आशीष पांडेय
  • हैदराबाद,
  • 25 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 8:47 PM IST

  • तेलंगाना सरकार भी सीएए के खिलाफ लाएगी प्रस्ताव
  • केसीआर दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ करेंगे चर्चा

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) ने नागरिकता संसोधन कानून (CAA) का विरोध किया है. साथ ही उन्होंने कहा है कि सीएए एक गलत फैसला है. केसीआर ने कहा, 'हम एक विशेष सत्र बुलाकर सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव लाएंगे. हम जल्द ही इस मुद्दे पर दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे. बीजेपी देश को हिंदू राष्ट्र बना रही है.'

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अगर तेलंगाना सरकार भी सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करती है तो ऐसा करने वालों में तेलंगाना चौथा राज्य बन जाएगा. राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने शनिवार को सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाला राजस्थान तीसरा राज्य बन गया है.

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राजस्थान सरकार से पहले केरल और पंजाब की राज्य सरकारें नागरिकता कानून के खिलाफ पहले प्रस्ताव पारित कर चुकी हैं. सबसे पहले केरल सरकार ने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था. उसके बाद पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया.

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तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार भी पहले ही कह चुकी है कि वह नए कानून के खिलाफ है. कुछ दिन दिल्ली में हुई विपक्ष की बैठक ने सभी समान विचारधारा वाले मुख्यमंत्रियों को एनपीआर प्रक्रिया को रोकने के लिए कहा था.

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विपक्ष का प्रस्ताव

विपक्षी दलों द्वारा एक प्रस्ताव में कहा गया, "सीएए, एनपीआर या एनआरसी एक पैकेज है, जो असंवैधानिक है. क्योंकि यह विशेष रूप से गरीबों, एससी/एसटी, भाषाई और धार्मिक अल्पसंख्यकों को लक्षित करता है. एनपीआर एनआरसी का आधार है. हम सीएए को तत्काल वापस लेने और राष्ट्रव्यापी एनआरसी/एनपीआर को रोकने की मांग करते हैं."

प्रस्ताव में कहा गया, "जिन सभी मुख्यमंत्रियों ने घोषणा की है कि वे एनआरसी को अपने राज्य में लागू नहीं करेंगे, उन्हें एनपीआर को निलंबित करने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि यह एनआरसी की ही शुरुआत है." कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने भी सीएए पर एक प्रस्ताव जारी किया था.

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