Advertisement

सावधान! बदलते मौसम में हवाई सफर हो सकता है महंगा

अगर जलवायु परिवर्तन लगातार जारी रहा तो आपको अपने हवाई सफर के लिए और ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ सकती है.  शोधकर्ताओं ने पाया है कि तापमान के बढ़ने का मतलब है कि विशेष संख्या वाली उड़ानों पर वजन का प्रतिबंध बढ़ेगा. इससे अगली शताब्दी में विमानन उद्योग के लागत में बढ़ोतरी हो सकती है.

एअर इंडिया एअर इंडिया
साकेत सिंह बघेल/IANS
  • नई दिल्ली,
  • 15 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 12:08 PM IST

अगर जलवायु परिवर्तन लगातार जारी रहा तो आपको अपने हवाई सफर के लिए और ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ सकती है. शोधकर्ताओं ने पाया है कि तापमान के बढ़ने का मतलब है कि विशेष संख्या वाली उड़ानों पर वजन का प्रतिबंध बढ़ेगा. इससे अगली शताब्दी में विमानन उद्योग के लागत में बढ़ोतरी हो सकती है.

इस शोध का प्रकाशन 'जर्नल क्लाइमेट चेंज' में किया गया है. शोध के प्रमुख अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय के इथान कोफेल ने कहा, 'हमारे नतीजों से पता चलता है कि वजन प्रतिबंध से एयरलाइंस पर बोझ बढ़ेगा और दुनिया भर के हवाई संचालनों पर असर पड़ सकता है.'

Advertisement

जलवायु परिवर्तन अनुमानों के मुताबिक, 2080 तक दुनिया भर के हवाईअड्डों पर वार्षिक अधिकतम तापमान चार से 8 डिग्री सेल्सियस बढ़ सकता है.

वायु के तापमान का विमान के टेकऑफ पर विशेष प्रभाव पड़ता है. किसी रनवे या विमान के लिए तापमान की एक निश्चित सीमा होती है. उससे ऊपर एक विमान अपने अधिकतम भार के साथ उड़ान नहीं भर सकता. इसलिए एक भार प्रतिबंध की जरूरत होगी. इसके लिए यात्रियों, कार्गो या ईंधन में कमी लानी होगी.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement