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नए तरह के संबंधों की कहानी लंका: मनोज बाजपेयी

लंका नए तरह के संबधों को लेकर गढ़ी गई छोटे शहर की कहानी है. इस कहानी में विभीषण और रावण हैं. फिल्म में मैं नेगेटिव और पॉजिटिव शेड में हूं.

नरेंद्र सैनी
  • मुंबई,
  • 06 दिसंबर 2011,
  • अपडेटेड 3:20 PM IST

लंका में आपका रोल?

यह एक नए तरह के संबधों को लेकर गढ़ी गई छोटे शहर की कहानी है. इस कहानी में विभीषण और रावण हैं. फिल्म में मैं नेगेटिव और पॉजिटिव शेड में हूं.

फिल्म का नाम लंका ही क्यों दिया गया? यह नया ट्रेंड है?

नहीं, ऐसा कतई नहीं है. लंका बड़ेपन का प्रतिनिधित्व करती है. इसमें राक्षसी प्रवृत्ति, प्यार और चीख है. इससे यह एहसास भी जुड़ा है कि क्या ये गिरेगी या खड़ी रहेगी.

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फिल्म में नई अभिनेत्री टिया वाजपेयी हैं, उनके साथ कैसा अनुभव रहा?

बहुत बढिय़ा. उन्हें अभी तक जो भी सफलता मिली है, उसका वे फायदा नहीं उठाती हैं और मेहनत से काम करती हैं.

राजनीति से आपकी जबरदस्त वापसी हुई. लेकिन बड़ी फिल्में आई नहीं?

आरक्षण तो आई थी. वैसे भी मेरा जोर हमेशा विषय आधारित फिल्म पर रहता है, छोटे और बड़े को लेकर मैं कभी नहीं सोचता.

आने वाली फिल्मों के बारे में बताएं?

इसके बाद ऐसी ही फिल्में आएंगी जिनके लिए मैं जाना जाता हूं, जैसे गैंग ऑफ वसईपुर और चित्तगौंग.

अभी रंगमंच करते हैं या नहीं?

बहुत सालों से कुछ हो नहीं पाया है. मेरे एक दोस्त स्क्रिप्ट लिखवा रहे हैं, देखें...

भोजपुरी फिल्मों में हाथ आजमाने का इरादा है?

नीतू चंद्रा ने एक आइडिया सुनाया था. स्क्रिप्ट देखने पर ही फैसला कर पाऊंगा.

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रोमांटिक फिल्म करेंगे?

मैं अच्छा रोल करने में यकीन रखता हूं. कमजोर पटकथा या कोई बेकार रोल करने के बजाए मैं नेगेटिव शेड वाला मजबूत रोल बार-बार करना चाहुंगा.

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