विकास यात्रा पर CM रमन सिंह, हड़ताल से बदहाल है जनता

छत्तीसगढ़ के सभी 27 जिलों में सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल जारी है. राज्य के लगभग 1.80 लाख शिक्षाकर्मियों को उम्मीद है कि सरकार सामान काम, समान वेतन की मांग को स्वीकारते हुए उन्हें सरकारी शिक्षक मान लेगी.

Advertisement
हड़ताली कर्मचारी और नर्स हड़ताली कर्मचारी और नर्स

सुनील नामदेव / वरुण शैलेश

  • रायपुर,
  • 24 मई 2018,
  • अपडेटेड 6:56 PM IST

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह 45 दिन के लिए राज्यभर की विकास यात्रा पर हैं. वहीं एक दर्जन से ज्यादा विभागों के कर्मचारी वेतन भत्तों में बढ़ोतरी और नौकरी पक्की करने की मांग को लेकर बेमियादी हड़ताल पर हैं. इससे सरकारी दफ्तरों की स्थिति खस्ताहाल है, लेकिन सबसे बुरा हाल सरकारी अस्पतालों का है, जहां नर्सों और पैरा मेडिकल स्टाफ की हड़ताल की वजह से मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

Advertisement

27 जिलों में बेमियादी हड़ताल

छत्तीसगढ़ के सभी 27 जिलों में सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल जारी है. राज्य के लगभग 1.80 लाख शिक्षाकर्मियों को उम्मीद है कि सरकार सामान काम, समान वेतन की मांग को स्वीकारते हुए उन्हें सरकारी शिक्षक मान लेगी. इससे उन्हें सरकारी शिक्षकों के अनुरूप वेतनमान और सुविधा मिलेगी. यही सोच लगभग 10 हजर नर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ की है. कर्मचारियों का कहना है कि सरकारी अस्पतालों में उनका शोषण हो रहा है. उन्हें रोजाना दस घंटे नौकरी करनी पड़ती है जबकि वेतन मात्र 4,600 रुपये प्रति महीना मिलता है.  

समान वेतनमान की मांग

यही हाल पंचायत विभाग के कर्मचारियों और महिला बाल विकास से जुड़ी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का है. उन्हें प्रति महीने 2,400 रुपये मिलते हैं. राज्य के 12 सरकारी विश्वविद्यालयों में गैर शैक्षणिक कर्मचारी सातवें वेतनमान की मांग कर रहे हैं. इसी तरह महिला बाल विकास, शिक्षा, आगनबाड़ी, सिचाई, पंचायत, समान्य प्रशासन समेत एक दर्जन से ज्यादा छोटे बड़े विभागों के कर्मचारी बेमुद्द्त हड़ताल पर हैं. आंदोलित कर्माचारियों की मांग है कि उनकी नौकरी पक्की की जाए. उनका वेतनमान और भत्ते भी सरकारी कर्मचारियों के अनुरूप किया जाए.

Advertisement

मरीजों का हाल बेहाल

अचानक एक दर्जन से ज्यादा विभागों के कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से लोगों के सामने मुसीबत खड़ी हो गई है. कलेक्टर का दफ्तर हो या फिर तहसील कार्यालय छोटे मोटे कामों के लिए लोगों को भटकना पड़ रहा है. वहीं सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीज बेसब्री से हड़ताल के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं. नर्सों और पैरा मेडिकल कर्मचारियों की हड़ताल से उन्हें कठिनाई हो रही है.

रमन सिंह की बेरुखी

मुख्यमंत्री रमन सिंह हड़ताली कर्मचारियों की हड़ताल पर चुटकी ले रहे हैं. रमन सिंह का कहना है कि चुनावी साल होने की वजह से कर्मचारी दफ्तर के बजाय सड़कों पर दिखाई दे रहे हैं. बता दें कि छत्तीसगढ़ में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. लिहाजा उन्हें लगता है कि बीजेपी सरकार उनकी मांगें मान लेंगी लेकिन मुख्यमंत्री के तंज इसकी उम्मीद नहीं दिख रही है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement