
बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण छात्रों को सपोर्ट करने के लिए दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी पहुंचीं तो बखेड़ा खड़ा हो गया. दीपिका ने जेएनयू में खुद तो एक शब्द नहीं कहा लेकिन राजनेताओं को इससे बोलने का बहाना मिल गया. देखते ही देखते दो धड़े तैयार हो गए, एक दीपिका के सपोर्ट में और दूसरा उनके विरुद्ध. अब उनकी फिल्म छपाक की निर्देशक मेघना गुलजार ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
दीपिका के जेएनयू जाने को उनकी अपकमिंग फिल्म छपाक के प्रमोशन की एक कोशिश के तौर पर भी देखा गया था. इस मामले में मेघना ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा, "हमें पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में फर्क करना आना चाहिए. कोई अपनी निजी जिंदगी में क्या करता है और कोई प्रोफेश्नल फ्रंट पर अपनी फिल्मी दुनिया में क्या कर रहा है इन्हें अलग-अलग करके देखना चाहिए."
उन्होंने बताया, "जब वे पर्सनल और प्रोफेशनल फ्रंट पर हो रही चीजों को अलग देखने की कोशिश करें तो मैं चाहूंगी कि कोई बात को उस तरफ डाइवर्ट करे जिस मुद्दे पर हमने फिल्म बनाई थी और वो क्या चीज थी जिसे हम रोशनी में लाने की कोशिश कर रहे थे. मुझे लगता है कि वो ज्यादा इंपोर्टेंट है." मालूम हो कि दीपिका पादुकोण की फिल्म छपाक एक एसिड सर्वाइवर की कहानी पर आधारित है.
ये फिल्म 10 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी और क्योंकि फिल्म की रिलीज से ठीक पहले दीपिका जेएनयू चली गई थीं इसलिए एक बड़ा समूह इसे फिल्म के प्रमोशन की कोशिश पर देख रहा था. इसके बाद कुछ ऐसी घटनाएं भी हुईं जिनके जरिए फिल्म को निगेटिव पब्लिसिटी देने की कोशिश की गई. मसलन सत्याग्रह नामक मैगजीन ने दीपिका की फिल्म के बारे में एक गलत आर्टिकल छाप दिया था.