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छठ से पहले नीतीश ने पटना में फिर किया घाटों का निरीक्षण

इस साल आठ से दस लाख लोगों के गंगा के तट पर जुटने की संभावना है. इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने इस बार छठ व्रतियों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं.

बिहार के सीएम नीतीश कुमार घाटों का निरीक्षण करते हुए बिहार के सीएम नीतीश कुमार घाटों का निरीक्षण करते हुए
प्रज्ञा बाजपेयी/सुजीत झा
  • पटना,
  • 22 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 7:35 PM IST

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दूसरी बार गंगा में छठ घाटों का निरीक्षण और आस्था के महापर्व छठ की तैयारियों का जायजा लिया. पिछले हफ्ते भी उन्होंने गंगा में घाटों का जायजा लिया था. पटना में गंगा किनारे 101 घाट बनाए गए हैं. इस साल आठ से दस लाख लोगों के गंगा के तट पर जुटने की संभावना है. इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने इस बार छठ व्रतियों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं. छठ पर्व की शुरूआत 24 अक्टूबर को नहाय खाय से शुरू होकर 27 अक्टूबर तक उगते सूर्य को अर्ध्य देने के साथ संपन्न होगा.

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चार दिनों के इस महापर्व में दो दिन गंगा तट पर लोगों की भारी भीड़ जुटती है. 26 अक्टूबर को पहला अर्क डूबते हुए भगवान सूर्य को दिया जाएगा. बिहार के अन्य जिलों के अलावा देश और विदेश में रहने वाले लोग भी पटना में छठ के अवसर पर आते हैं. इस अवसर पर गंगा तट पर भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. छठ व्रतियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए तमाम व्यवस्थाएं राज्य सरकार की तरफ से की जाती है. इस बार पक्के घाटों की संख्या काफी बढ़ गई है और जहां जहां पक्के घाट नहीं बने हैं, उन घाटों पर बेहतर स्लोप बनाने का काम किया गया है.

पटना का पूरा गंगा किनारा रोशनी से जगमगा उठा है. बनारस की तर्ज पर इस बार घाटों को खूब सजाया गया है. व्रतियों को कपड़े बदलने के लिए चेंजिंग रूम और शौचालय का भी निर्माण कराया गया है. गंगा के तट तक पहुंचे के लिए एप्रोच रोड का भी निर्माण कराया गया है.

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2012 में छठ घाट पर हुई भगदड़ की घटना के बाद से सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाता है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दानापुर के नागरीगंज घाट से पटना सिटी के कंगन घाट तक घाटों का जायजा लिया. अपने तीन घंटे के इस निरीक्षण कार्यक्रम में उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए. इस अवसर पर पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव जल संसाधान मंत्री ललन सिंह के साथ साथ सभी विभागों के कई दर्जन अधिकारी विशेष जहाज में मौजूद थे.

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