
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर शहरों से लेकर जंगलों तक सुरक्षा चौकस कर दी गयी है. बड़ी तादाद में पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती के चलते पूरा इलाका छावनी में तब्दील हो गया है. 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहाँ से आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ करेंगे. साथ ही कई योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी करेंगे. इसके अलावा वो आदिवासियों की एक रैली को भी सम्बोधित करेंगे.
नक्सली लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री की सभा में नहीं जाने का फरमान जारी किया है. नक्सली गांव-गांव में खुफिया बैठकें ले रहे हैं और गांववालों को पीएम मोदी की सभा में नहीं जाने की चेतावनी दे रहे हैं.
बीजापुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह के अलावा चंद केंद्रीय मंत्री ही मंच साझा करेंगे. एसपीजी ने मंच को अपने कब्जे में ले लिया है. वही सभा स्थल के चारों ओर बारीकी से पड़ताल की जा रही है. नक्सली हमलों के मामलों में संवेदनशील इलाका होने के चलते काफी सतर्कता बरती जा रही है.
अफसरों, मंत्रियों से लेकर आम जनता को कड़े सुरक्षा प्रबंध के बीच से गुजारा जाएगा. प्रधानमंत्री के आगमन के बाद मंच के दोनों ओर के हिस्सों और पीछे के भाग में कमांडोज़ तैनात होंगे. नक्सली उत्पात के अंदेशे के चलते बीजापुर के एक बड़े हिस्से में सर्चिंग अभियान भी चलाया जा रहा है.
दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी की आम सभा में भीड़ ना जुट सके, इसके लिए नक्सलियों ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है. हथियार बंद नक्सली दिन रात गांव कस्बो का रुख कर रहे है. वो वहां बंदूक की नोक पर ग्रामीणों को प्रधानमंत्री की सभा में ना जाने देने के लिए ताकीद कर रहे हैं.
पंच सरपंचों और ग्राम प्रधानों को चेतवानी भी दी जा रही है. वे लोगों को कार्यक्रम स्थल तक लाने ले जाने में कोई रुचि न दिखाए. बीजापुर ,सुकमा , दंतेवाड़ा और जगदलपुर से भी बड़ी तादाद में लोगों ने सभा सथल में पहुंचने की तैयारी की है.
भारी गर्मी के बावजूद आदिवासी आबादी प्रधानमंत्री को सुनने के लिए काफी दिलचस्पी दिखा रही है. लोगों ने कार्यक्रम स्थल में पहुंचने के लिए अपना खुद ब खुद बंदोबस्त किया है. इसके लिए ट्रेक्टर ,ट्रक , मेटाडोर , बैलगाड़ी और दूसरे यारी वाहनों का इंतजाम किया गया है. आदिवासियों को उम्मीद है कि बस्तर के विकास के लिए प्रधानमंत्री मोदी नई सौगात दे सकते है.
इसलिए नक्सली फरमानों की परवाह किए बगैर ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को सुनने का जस्बा दिखाया है. इस पूरे इलाके में प्रधामंत्री के आगमन को देखते हुए बिजली सड़क पानी और स्वास्थ्य सेवाओं का तेजी से विस्तार किया गया है. पीने के पानी का बंदोबस्त करने के लिए ठोस पहल की गई है. कई इलाकों में तो रातों रात नलकूप खोद दिए गए तो कुछ इलाके ऐसे भी है, जहां कच्ची सड़कों को रातों रात पक्की कर दिया गया है. बताया जाता है कि प्रधानमंत्री के दौरे का विरोध करने के पीछे नक्सलियों का एक खास मकसद है. वो नहीं चाहते कि बीजापुर और दूसरे आदिवासी बाहुल्य इलाको का विकास हो पाए, इसलिए वो प्रधनमंत्री के दौरे का विरोध कर रहे हैं.