
छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाण पत्र और अंक सूचियों के जरिये नौकरी करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गयी है. देर से ही सही लेकिन कार्रवाई होने से फर्जी जाति प्रमाण पत्र जमा कर नौकरी हासिल करने वाले 22 कर्मचारी बर्खास्त कर दिए गए हैं. जबकि फर्जी अंक सूचि के जरिये नौकरी कर रहे 14 शिक्षा कर्मी भी रोजगार से हाथ धो बैठे हैं.
इसी कड़ी में फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे प्रोजेक्ट अफसर को दुर्ग पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. प्रोजेक्ट अफसर का नाम बी.आर. कठाने बताया जा रहा है. गिरफ्तार करने के बाद प्रोजेक्ट अफसर को कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उसे जेल भेज दिया गया. कठाने के खिलाफ सिटी कोतवाली पुलिस ने धारा 420, 363, 366 तथा 371 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया था.
इस शख्स ने फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर ना सिर्फ 30 साल तक नौकरी की बल्कि विभाग से प्रमोशन भी पा लिया. भीमराव कठाने की 12वीं की डिग्री फर्जी थी. इसी फर्जी मार्कशीट के आधार पर उसने 1 फरवरी 1987 को जिला आपूर्ति एवं विपणन विभाग में प्रबंधक की नौकरी हासिल की थी. वर्ष 1987 से 2017 तक 30 वर्ष के कार्यकाल में कठाने ने जिला विकास प्राधिकरण व दुर्ग और बालोद जिला पंचायत में काम किया. इस दौरान उसे विभाग से प्रमोशन भी मिला, वो प्रोजेक्ट ऑफिसर बन गया. उनकी फर्जी मार्कशीट की जांच जिला पंचायत सीईओ ने करायी थी.