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छत्तीसगढ़ में इस वर्ष आत्महत्या करने वाले किसानों का गैर-सरकारी आंकड़ा भले ही 289 के लगभग हो, लेकिन सरकार ने इसे नकारते हुए विधानसभा में अपना आंकड़ा पेश किया. सरकार के मुताबिक इस वर्ष 2017 में अब तक कुल 61 किसानों ने आत्महत्या की है.
नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंह देव के सवाल के जवाब में राजस्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने आत्महत्या करने वाले किसानों की जिलेवार जानकारी सदन को दी है. उनके मुताबिक रायपुर जिले में दो, धमतरी जिले में तीन, महासमुंद जिले में दो, दुर्ग जिले में चार, राजनांदगांव जिले में नौ, बेमेतरा जिले में नौ, बालोद जिले में दो, कबीरधाम जिले में तेरह, कांकेर जिले में दो, बलौदाबाजार जिले में चौदह और जांजगीर-चाम्पा में एक किसान ने आत्महत्या की है.
इस साल छत्तीसगढ़ के 21 जिलों की 96 तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है. विपक्ष का आरोप है कि सूखे और कर्ज के दबाव के चलते तीन सौ से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है.
इस मामले को लेकर राज्य की बीजेपी सरकार विपक्ष के निशाने पर थी. विधानसभा में किसानों के मामले को लेकर विपक्ष ने सत्ताधारी दल बीजेपी की जबरदस्त घेराबंदी की है. हालांकि सत्तापक्ष भी मुश्तैदी के साथ विपक्ष को मुंहतोड़ जवाब दे रहा है.