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छत्तीसगढ़: जोगी-माया बनेंगे किंगमेकर, दूसरे दौर में असली परीक्षा

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की 72 सीटों पर वोटिंग जारी है. जिन इलाकों में चुनाव हो रहे हैं, ये बसपा और अजीत जोगी के प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता है.

Chhattisgarh Elections: मायावती, अजीत जोगी (फोटो-twitter) Chhattisgarh Elections: मायावती, अजीत जोगी (फोटो-twitter)
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 20 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 10:21 AM IST

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे दौर की 72 सीटों पर वोटिंग जारी है. प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रहे अजीत जोगी बसपा के साथ गठबंधन कर चुनावी मुकाबले में हैं. दूसरे चरण के चुनाव में जोगी-माया के लिए किंगमेकर बनने का बड़ा मौका है.

छत्तीसगढ़ के दूसरे दौर में 19 जिलों में मतदान हो रहे हैं, लेकिन बिलासपुर और रायपुर संभाग में असल परीक्षा कांग्रेस और बीजेपी से कहीं ज्यागा अजीत जोगी और मायावती के लिए है. ये इलाका सतमानी समाज का बेल्ट कहलाता है और जोगी का यहां खासा प्रभाव है.

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इस दौर में अजीत जोगी की भूमिका बेहद अहम मानी जा रही है. इस दौर की सीटों पर नतीजे उन्हें किंगमेकर भी बना सकते हैं. बसपा से गठबंधन कर जोगी ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों की नींद उड़ा दी है. ऐसे में कांग्रेस का कहना है कि जोगी बीजेपी को नुकसान पहुंच रहे हैं. वहीं, बीजेपी नेता मानते हैं कि कांग्रेस को नुकसान.

जोगी और मायावती का सबसे ज्यादा प्रभाव बिलासपुर, जांजगीर-चंपा और मुंगेली जिले की 15 सीटों पर है. 2013 चुनाव में बीजेपी ने यहां 8 सीटें, कांग्रेस ने 6 और बसपा ने एक सीट अपने नाम की थी. बदले सियासी समीकरण में जोगी-मायावती का गठबंधन नतीजों को प्रभावित कर सकेते हैं.

2013 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-बीजेपी के बीच बराबरी की टक्कर रही थी. हालांकि मामूली बढ़त के चलते सरकार बीजेपी ने बनाई. बीजेपी और कांग्रेस के बीच महज 97,574 वोटों या कहें कि 0.75 फीसदी वोटों का अंतर था.

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प्रदेश में अनुसूचित जाति के लिए 10 सीटें आरक्षित और आदिवासियों के लिए 29 सीटें आरक्षित हैं. ये सीटें प्रदेश की सत्ता में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जिन इलाकों में ये सीटें हैं, उनमें अजीत जोगी का असर माना जाता है.

यही वजह है कि इस बार तीनों ही दल सरगुजा, बिलासपुर, कोरबा, अंबिकापुर जैसे इलाकों में फैली इन सीटों पर एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. बीजेपी को जहां कांग्रेस और जनता कांग्रेस के बीच वोट बंटने की उम्मीद है तो वहीं कांग्रेस और जनता कांग्रेस को लग रहा है कि इस बार बीजेपी का सफाया होगा.

दरअसल, आदिवासी इलाकों में कांग्रेस मजबूत दिख रही है तो अनुसूचित जाति वाली सीटों पर अजीत जोगी व मायावती का असर दिख रहा है. ऐसे में अगर जनता कांग्रेस व बीएसपी गठबंधन ने अपेक्षा के अनुरुप प्रदर्शन किया तो इस बार सत्ता की चाबी उनके हाथ भी आ सकती है.  

बता दें कि कांग्रेस ने पिछले तीन चुनाव में अजीत जोगी को अपना चेहरा बनाया था, लेकिन वह रमन सिंह को सत्ता से बेदखल नहीं कर सकी है. हालांकि मुकाबला काफी नजदीकी रहा है. इस बार कांग्रेस जोगी के बिना बीजेपी से टक्कर ले रही है. जबकि जोगी ने बसपा के साथ मिलकर नतीजों को प्रभावित करके इस बार किंगमेकर बनने की कोशिश में है.

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