
छत्तीसगढ़ में सेक्स सीडी कांड में गिरफ्तार किए गए पत्रकार विनोद वर्मा की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनवाई की मंजूरी दे दी है. अब विनोद वर्मा की याचिका पर होई कोर्ट में अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी. इसलिए 12 दिसंबर को तय होगा कि विनोद वर्मा को जमानत मिलेगी या उन्हें आगे भी न्यायिक हिरासत में ही रहना होगा.
छत्तीसगढ़ के कथित मंत्री की सेक्स सीडी मामले में गिरफ्तार विनोद वर्मा की जमानत के लिए उनके रिश्तेदार टूकेंद्र वर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर मंगलवार को सुनवाई हुई. डर्टी सीडी कांड में पत्रकार विनोद वर्मा बुरी तरह से फंसे हैं. उन पर एक पोर्न सीडी रखने और ब्लैकमेलिंग करने का आरोप है. छत्तीसगढ़ पुलिस की एक टीम ने यूपी पुलिस के साथ मिलकर 27 अक्टूबर 2017 को उन्हें गिरफ्तार किया था.
विनोद वर्मा की गिरफ्तारी के साथ पूरे देश में मचे हो हल्ले के बीच पुलिस ने मामले को ऐसा उलझाया है कि उनकी जमानत को लेकर सिर्फ तारीख पे तारीख मिलती जा रही है. पहले लोअर कोर्ट फिर सेशन कोर्ट और अब मामला हाई कोर्ट में सुनवाई के लिए स्वीकृत हुआ.
विनोद वर्मा की जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने मंगलवार को पुलिस से केस डायरी भी तलब की है. विनोद वर्मा की जमानत याचिका पर 12 दिसंबर को होने वाली सुनवाई आखिरी सुनवाई होगी. इससे पहले, रायपुर के जेएमएफसी कोर्ट और सेशन कोर्ट में विनोद वर्मा की याचिका खारिज हो गयी थी. न्यायिक रिमांड पर उनकी पेशी रायपुर जेएमएफसी कोर्ट में की गई थी, जिसके बाद उन्हें फिर से 27 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. इधर बिलासपुर हाईकोर्ट में टूकेंद्र वर्मा ने विनोद वर्मा की जमानत याचिका 13 नवंबर को दायर की थी.
छत्तीसगढ़ सरकार ने पहले पुलिस से यह मामला जांच के लिए एसआईटी को दिया, फिर उसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी हासिल कर जांच सीबीआई को सौंप दी गई. सूबे के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कथित सेक्स सीडी कांड मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा केंद्र को भेजी थी.
छत्तीसगढ़ के PWD मंत्री राजेश मूणत के कथित सेक्स सीडी मामले में अब तक दो एफआईआर दर्ज की गई हैं. पहली FIR पंडरी थाने में बीजेपी नेता प्रकाश बजाज ने दर्ज कराई थी. उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि अज्ञात व्यक्ति कथित सीडी के बहाने ब्लैकमेल कर रहा है.
शिकायत के आधार पर ही छत्तीसगढ़ पुलिस ने विवेचना के दौरान ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी. FIR दर्ज होने के चंद घंटो में गाजियाबाद से वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को हिरासत में लिया था. इसके बाद मंत्री खुद सामने आए और सीडी में नहीं होने का ऐलान किया था.
दूसरी FIR राजेश मूणत ने विनोद वर्मा और भूपेश बघेल के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत दर्ज कराई थी. इसमें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल पर यह आरोप लगाया गया कि उन्होंने अपने घर से सीडी का वितरण किया है. राजनैतिक बवाल के बाद रमन सरकार ने सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दी थी.