
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल राज्य में बीजेपी की जड़ खोदने में जिस तेजी से जुटे हैं, उतनी ही तेजी से सीबीआई उनकी गिरफ्तारी का जाल बुनने में जुटी है. सीबीआई की तैयारियों को लेकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि भूपेश बघेल के लिए नया साल परेशानियां लेकर आएगा. सीबीआई ने उनसे पूछताछ के लिए प्रश्नावली भी तैयार कर ली है. इसमें शामिल लगभग पंद्रह सवाल ऐसे हैं जो कथित डर्टी सीडी की भूमिका से लेकर उसके जारी होने तक से जुड़े हैं.
सीबीआई इस बात का पता लगाने में जुटी है कि इस सीडी के निर्माण में भूपेश बघेल का कोई हाथ तो नहीं. हालांकि, भूपेश बघेल पहले दिन से साफ कर चुके हैं कि जनप्रतिनिधि और मुख्य विपक्षी दल के नेता होने के चलते कई लोग उन्हें भ्रष्टाचार और सत्ता पक्ष के नेताओं के काले कारनामों के सबूत सौंपते हैं. ताकि उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सके. बघेल यह भी कह चुके हैं कि इस डर्टी सीडी को ऐसे ही किसी शख्स ने उनके अलावा कई और महत्वपूर्ण व्यक्तियों को सौंपा था. इसमें पत्रकार भी शामिल हैं. हालांकि बघेल के इन तथ्यों पर सीबीआई कितना भरोसा करेगी यह तो बघेल के अधिकृत जवाबों से पता चलेगा.
27 अक्टूबर को रायपुर के सिविल लाइन थाने में राज्य के PWD मंत्री राजेश मूणत ने भूपेश बघेल और पत्रकार विनोद वर्मा के खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 67A के तहत मामला दर्ज कराया था. यह धारा इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अश्लील सामग्री रखने और वितरित करने से जुडी है. उन्होंने बघेल पर आरोप लगाया था कि उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर कथित सेक्स सीडी बांटी थी.
इसके आलावा एक अन्य मामला PWD मंत्री राजेश मूणत के करीबी प्रकाश बजाज की शिकायत पर रायपुर के पंडरी थाने में दर्ज किया गया था. 26 अक्टूबर को दर्ज यह मामला ब्लैकमेलिंग और धमकी देने से जुड़ा है, जिसमें पत्रकार विनोद वर्मा की गिरफ्तारी हुई है. हालांकि दोनों ही मामलों को लेकर छत्तीसगढ़ पुलिस और उसकी एसआईटी सवालों के घेरे में है.
उधर, अपनी गिरफ्तारी को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल मानसिक रूप से तैयार नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि वो जांच में पूर्ण सहयोग करेंगे. बातचीत के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ सरकार उन्हें षडयंत्र के तहत फंसाना चाहती है, ताकि कांग्रेस को कमजोर किया जा सके. उन्होंने कहा कि इस मामले में सीबीआई को उन तथ्यों पर भी गौर करना चाहिए जिस मकसद से मंत्री की कथित सेक्स सीडी किसी शख्स ने बनाई. उनके मुताबिक मंत्री राजेश मूणत ने सत्ता में रह के बड़े पैमाने पर संपत्ति बनाई है. उन्हें इस बात का अंदेशा है कि बीजेपी के कई बड़े नेताओं की आपसी दुश्मनी और प्रतिस्पर्धा के चलते सेक्स सीडी सामने आयी है. उनके मुताबिक सीबीआई को अपनी जांच का दायरा बढ़ाना होगा. तभी इस मामले की हकीकत सामने आएगी.
सीबीआई के आधा दर्जन अफसर डर्टी सीडी कांड को अंजाम तक पहुंचाने में जुटे हैं. उन्होंने छत्तीसगढ़ पुलिस से केस डायरी और अब तक हुई दोनों ही मामलों की पूरी विवेचना अपने हाथों में ले ली है. इसका गहन अध्यन किया जा रहा है. ज्यूडिशियल रिमांड में रायपुर सेंट्रल जेल में बंद पत्रकार विनोद वर्मा से पूछताछ के लिए दो दर्जन से ज्यादा प्रश्नों की सूचि भी तैयार कर ली गई है. उन लोगों से भी सीबीआई पूछताछ करेगी जिन्होंने डर्टी सीडी कांड को लेकर बतौर गवाह एसआईटी को अपना बयान दर्ज कराए है. नए सिरे से इन गवाहों से पूछताछ करने का फैसला भी लिया गया है. बताया जा रहा है कि इस पुरे मामले में दिल्ली निवासी और सीडी शॉप के संचालक इशू नारंग और भिलाई निवासी विजय भाटिया को सीबीआई सरकारी गवाह बना सकती है. इसके पीछे तथ्य दिया जा रहा है कि उनकी गवाही से मामला अदालत में पुख्ता तौर पर साबित हो जाएगा. उधर पत्रकार विनोद वर्मा की गिरफ्तारी हुए 50 दिन पुरे हो चुके हैं, लिहाजा इस मामले में चालान पेश करने के लिए सीबीआई के पास सिर्फ दस दिन शेष बचे हैं. जिस तेजी से सीबीआई इस पूरे मामले को लेकर अपना जाल बुन रही है, और यदि परिस्थितिया अनुकूल रही तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि 22 से 24 तारीख के बीच वो अदालत में चालान पेश कर देगी. फिलहाल लोगों की निगाहें सीबीआई के कदमों पर टिकी हुई हैं. सीबीआई छत्तीसगढ़ पुलिस और उसकी एसआईटी की पूरी विवेचना पर ही अपनी मुहर लगाएगी या फिर नए सिरे से जांच कर हकीकत तक पहुंचेगी. यह देखना होगा.