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छत्तीसगढ़ः टॉयलेट करते बच्चों की तस्वीर whatsapp ग्रुप में डालने का तुगलकी फरमान

जिला पंचायत सीईओ जगदीश सोनकर ने फरमान जारी कर कहा है कि अगर स्कूलों में कोई बच्चा शौचालय के बजाए किसी और जगह टॉयलेट करते पाए जाए, तो उसकी तस्वीर क्लिक करके फौरन व्हाट्सऐप ग्रुप में डाला जाए.

फाइल फोटो फाइल फोटो
सुनील नामदेव/राम कृष्ण
  • रायपुर,
  • 23 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 9:18 PM IST

छत्तीसगढ़ में शौचालय निर्माण और साफ-सफाई को लेकर ऐसी क्रांति आई है कि कई अफसरों का दिमाग ही घूम गया है. दरअसल, प्रधानमंत्री स्वछता अभियान में अच्छा काम करने वाले अफसरों को दिल्ली में आयोजित समारोह में सम्मानित किया जाता है. उन्हें ऐसा तमगा मिलता है कि वे उस सम्मान से राज्य सरकार की आंखों के तारे बन जाते है. इस कवायत से प्रेरित होकर कई अफसर ऐसा फरमान जारी कर रहे हैं, जो सुर्खियों में है.

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ताजा मामला छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले का है, जहां के जिला पंचायत सीईओ जगदीश सोनकर ने फरमान जारी कर कहा है कि अगर स्कूलों में कोई बच्चा शौचालय के बजाए किसी और जगह टॉयलेट करते पाए जाए, तो उसकी तस्वीर क्लिक करके फौरन व्हाट्सऐप ग्रुप में डाला जाए. उन्होंने अपने आदेश में यह भी कहा कि स्कूल के टॉयलेट के उपयोग और निरीक्षण के दौरान भीतर की तस्वीरें साझा की जाए.

इसके लिए उन्होंने मिशन @355 नाम से एक वाट्सअप ग्रुप बनाया गया है. इस ग्रुप में प्रशासनिक अफसरों, शिक्षकों, प्रिंसपल और नगर पालिका व निगमों के अफसरों को जोड़ा गया है. इसमें बच्चों की टॉयलेट वाली तस्वीरें रोजाना पोस्ट करने का आदेश है. इसके लिए उन्होंने शिक्षकों से भी कहा है कि स्कूलों में बनाए गए टॉयलेट में ताकझांक करें. अगर कोई बच्चा यूरिन पॉर्ट के बजाए दीवार में पेशाब करे, तो उसकी तस्वीर भी भेजी जाए. सीईओ के इस फरमान से शिक्षक खफा हैं. उनके मुताबिक पेशाब करते किसी भी लड़के या लड़की की तस्वीर लेना न केवल आपत्तिजनक है, बल्कि एक अपराध भी है.

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इसके पहले भी स्वछता अभियान को लेकर राज्य में कई तरह की अप्रिय घटनाएं हो चुकी हैं. चार महीने पहले बिलासपुर में उन लोगों को जानवर पकड़ने के पिंजरे में डाल दिया गया था, जो सुबह खुले में शौच करते पाए गए थे. इसके अलावा अंबिकापुर में निगम कर्मियों ने कुछ लोगों की पिटाई भी की थी. अब धमतरी जिला पंचायत के सीईओ जगदीश सोनकर ने यह आदेश जारी कर नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है. वह 2014 बैच के आईएएस अधिकारी हैं.

इससे पहले बलरामपुर जिले के एसडीएम रहते जगदीश सोनकर ने अस्पताल में मरीज के पलंग पर पैर रखकर न सिर्फ मरीजों से बातचीत की थी, बल्कि इसकी फोटो खिंचवाकर उसे सोशल मीडिया में डाला था. फिलहाल उनका यह नया फरमान सुर्खियों में है. इस साल धमतरी जिला पंचायत ने 355 स्कूलों में शौचालय बनवाए.

उनके इस आदेश को वापस लेने के लिए अभिभावकों और पालकों ने प्रशासन पर दबाव डाला है. उन्होंने तस्वीरों के दुरूपयोग की जवाबदेही प्रशासन पर डाली है. इसके बाद मंत्रालय में इस आदेश को निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. माना जा रहा है कि मुख्य सचिव के हस्तक्षेप से सीईओ धमतरी का आदेश निरस्त हो जाएगा.

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