Advertisement

छत्तीसगढ़: संसदीय सचिवों पर लटकी बर्खास्तगी की तलवार, सुविधाओं पर लगी रोक

कांग्रेस समेत कई राजनैतिक और सामाजिक संगठनों ने संसदीय सचिवों को मिले कैबिनेट मंत्री के दर्जे को गैर कानूनी और संविधान का उल्लंघन बताते हुए अलग जनहित याचिकाएं हाई कोर्ट में दायर की थी.

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट
सुनील नामदेव/सुरभि गुप्ता
  • बिलासपुर,
  • 29 जून 2017,
  • अपडेटेड 7:50 AM IST

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने राज्य की रमन सिंह सरकार को तगड़ा झटका दिया है. एक जनहित याचिका की सुनवाई के बाद बिलासपुर हाई कोर्ट ने राज्य के संसदीय सचिवों को मिलने वाली सुख सुविधाओं पर 25 जुलाई तक रोक लगा दी है.

हाई कोर्ट ने यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री रमन सिंह 25 जुलाई तक संसदीय सचिवों की वैधानिक स्थिति पर शपथ पत्र प्रस्तुत करें. राज्य में संसदीय सचिवों की नियुक्ति को लेकर अच्छा खासा बखेड़ा खड़ा हो गया था. कांग्रेस समेत कई राजनैतिक और सामाजिक संगठनों ने संसदीय सचिवों को मिले कैबिनेट मंत्री के दर्जे को गैर कानूनी और संविधान का उल्लंघन बताते हुए अलग जनहित याचिकाएं हाई कोर्ट में दायर की थी.

Advertisement

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने राज्य के 11 संसदीय सचिवों की बर्खास्तगी को लेकर सुनवाई शुरू कर दी है. हाई कोर्ट के समक्ष सामाजिक संगठनों ने जनहित याचिका दायर कर इस बात को उल्लेखित किया है कि दिल्ली में AAP पार्टी के संसदीय सचिव के तर्ज पर ही छत्तीसगढ़ में नियुक्त संसदीय सचिव लाभ के पद पर बने हुए हैं. ऐसे में संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन हो रहा है.

छत्तीसगढ़ में संसदीय सचिव की नियुक्ति के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए हाई कोर्ट में सरकार ने एक हलफनामा पेश किया है. छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से महाधिवक्ता जुगल किशोर गिल्डा ने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री 25 जुलाई को अपना हलफनामा देंगे. इसके बाद कोर्ट ने संसदीय सचिव को मिलने वाली सुविधाओं पर 25 जुलाई तक रोक लगा दी है.

Advertisement

वहीं इस मामले में अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी. राज्य में 11 विधायकों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देते हुए उन्हें संसदीय सचिव बनाया गया था. हालांकि अदालत के इस फैसले की अधिकृत प्रतिलिपि नहीं मिलने के चलते राज्य की रमन सिंह सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की गई है.

 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement