
छत्तीसगढ़ में राजनीतिक दलों के नेता नक्सलियों की हिट लिस्ट में सबसे ऊपर हैं. विधानसभा चुनाव के दौरान नक्सली इन नेताओं को निशाना बना सकते हैं. एक खुफिया रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है.
आजतक को मिली एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के मुताबित छत्तीसगढ़ के चुनाव के दौरान बौखलाए नक्सली राजनीतिक प्रतिनिधियों को निशाना बना सकते हैं. फिलहाल नक्सली छत्तीसगढ़ में एकजुट होने की कोशिश में लगे हुए हैं. इसके लिए उन्होंने छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के जंगलों में मीटिंग की है. सूत्रों के मुताबिक इस मीटिंग में नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव का विरोध करने का फैसला लिया है.
जानकारी के मुताबिक इस दौरान छत्तीसगढ़ में प्रचार करने के लिए जाने वाले जनप्रतिनिधियों को निशाना बनाने का प्लान नक्सलियों के बड़े कमांडरों ने तैयार किया है. सूत्र बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में विकास के कामों का जायजा लेने लिए सरपंच और पटेल अलग-अलग जगहों पर जाते हैं. खुफिया एजेंसियों ने नक्सलियों के हमले को लेकर अलर्ट किया है.
इसके साथ ही सलाह दी कि जनप्रतिनिधि नक्सली इलाके में जाने से पहले आस-पास के पुलिस स्टेशन को सूचित करें. खुफिया सूत्रों ने यह भी जानकारी दी कि नक्सली आने वाले चुनावों के दौरान पोलिंग बूथों पर अटैक करने के लिए नक्सली वोटर के रूप में आने का तरीका अख्तियार कर सकते हैं.
बता दें कि हाल ही में नक्सलियों के खिलाफ जिस तरीके से बड़े ऑपरेशन चलाए गए, उससे नक्सली बौखलाहट में हैं. रिपोर्ट से यह भी जानकारी मिली कि छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में जो विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं, उस पर भी नक्सली खलल डाल सकते हैं. हाल ही में नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर की पहाड़ियों में भी एक बड़ी मीटिंग की. इसमें साल विधानसभा चुनाव के बहिष्कार को लेकर चर्चा हुई.
रिपोर्ट के मुताबिक नक्सली छत्तीसगढ़ के उन इलाकों में, जहां पर इनका वर्चस्व है, राजनीतिक व्यक्ति को निशाना बनाने की तैयारी कर रहे हैं. नक्सलियों ने चुनाव प्रचार में जाने वाले नेताओं की लिस्ट भी तैयार की है. नक्सलियों के जनप्रतिनिधियों और सुरक्षा बलों पर हमले के अलर्ट को लेकर रक्षा मामलों के जानकार पीके सहगल ने कहा, 'पिछले कुछ दिनों में जिस तरीके से नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन चलाए, उससे उनका मनोबल बहुत नीचे गिर चुका है. लिहाजा नक्सली कमांडरों ने अब नक्सलियों का मनोबल बढ़ाने के लिए नेताओं और सुरक्षा बलों पर बड़े हमले की साजिश रची है.
सहगल ने कहा कि इसके लिए सुरक्षा बलों को पूरी तरह से तैयार रहने की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि इस इलाके में ह्यूमन टू ह्यूमन इंटेलिजेंस को मजबूत करने की खास जरूरत है, जिससे कि अगर नक्सली किसी जगह इकट्ठे होते हैं, तो उनकी रियल टाइम जानकारी मिल सके. उन्होंने यह भी कहा कि खुफिया विभाग के साथ-साथ लोकल इंटेलिजेंस यूनिट, राज्य की पुलिस और अर्धसैनिक बल को भी नक्सलियों के इकट्ठे होने की रियल टाइम जानकारी दी जानी चाहिए.