
छत्तीसगढ़ पुलिस ने वर्ष 2022 तक नक्सलवाद के खत्म होने का दावा किया है. एंटी नक्सल ऑपरेशन के स्पेशल डीजी डीएम अवस्थी ने दावा किया कि पिछले ढाई सालों में अकेले बस्तर में नक्सलियों को जान-माल का जबरदस्त नुकसान हुआ है. उनके मुताबिक, आने वाले दिनों में नक्सलवाद का पूरी तरह से सफाया हो जाएगा.
नक्सली घटनाओं का ब्योरा पेश करते हुए उन्होंने कहा कि अगस्त 2017 से जुलाई 2018 तक 116 माओवादियों के मारे जाने की पुष्टि खुद नक्सलियों ने की है. उन्होंने बताया कि बस्तर के कई हिस्सों में शहीदी सप्ताह के दौरान पर्चे फेंक कर मारे गए नक्सलियों की जानकारी खुद नक्सली नेताओं ने कबूल की है. उनके मुताबिक, पुलिस रिकॉर्ड में पिछले 2 वर्षों में 247 माओवादी मारे गए हैं. 416 इनकाउंटर किए गए हैं.
यही नहीं नक्सलियों से 678 हथियार बरामद हुए. इसमें से कई घातक हथियार हैं. डीजीपी नक्सल ऑपरेशन ने बताया कि इस अवधि में 2 हजार से ज्यादा संदेही नक्सली और उनके सहयोगी गिरफ्तार किए गए. जबकि लगभग 1800 से ज्यादा नक्सलियों ने सरेंडर किया. उनके मुताबिक, ढाई वर्ष में 500 से ज्यादा मुठभेड़ हुए हैं. पिछले ढाई साल में 692 आईडी नक्सलियों ने लगाई जिसे पुलिस ने नाकाम किया. जबकि इसी वर्ष 72 नक्सली मारे गए.
दो कुख्यात नक्सलियों ने किया सरेंडर
नक्सल ऑपरेशन के डीजीपी ने बताया कि सुकमा में दो कुख्यात नक्सली सन्ना उर्फ राजा और रीना ने आत्मसमर्पण कर दिया. दोनों पर पांच-पांच लाख का इनाम था. उनके मुताबिक, राजा और रीना ने वर्ष 2012 में सुकमा के तत्कालीन कलेक्टर एलएक्स पॉल मेनन के अपहरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
डीएम अवस्थी के मुताबिक, सुरक्षाबलों और पुलिस के बीच आपसी समन्वय के अलावा बदली हुई रणनीति के तहत सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिल रही है. उन्होंने बताया कि एमपी, आंध्रा, तेलंगाना और महाराष्ट्र की सरहद पर बारिश के मौसम में भी एंटी नक्सल ऑपरेशन चलने से माओवादियों की कमर टूटी है. उन्होंने कहा कि जिस ढंग से आपरेशन चल रहा है. उससे उम्मीद है 2022 तक नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा.