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छत्तीसगढ़: CM दावेदारी लेकर दिल्ली पहुंचे नेता, आज होगा फैसला

खबर ये भी है कि छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री भले ही अभी तक तय ना हुआ हो, लेकिन शपथ की तारीख तय हो गई है. बताया जा रहा है कि 15 दिसंबर को छत्तीसगढ़ में नया मुख्यमंत्री शपथ ले सकता है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ ताम्रध्वज साहू (File) कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ ताम्रध्वज साहू (File)
मौसमी सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 14 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 9:48 AM IST

राजस्थान के साथ-साथ आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के नाम से भी सस्पेंस हट जाएगा. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज छत्तीसगढ़ के नेताओं, पर्यवेक्षकों के साथ अलग से बैठक करेंगे. हालांकि, मध्य प्रदेश और राजस्थान की तरह ही छत्तीसगढ़ में भी मुख्यमंत्री पद को लेकर रेस चल रही है. इस रेस में टीएस सिंहदेव, प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल, चरणदास महंत और ताम्रध्वज साहू सबसे आगे हैं.

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छत्तीसगढ़ के नेता दोपहर 12 बजे राहुल गांधी से मिलेंगे, पहले ये बैठक 10 बजे होनी थी. लेकिन फ्लाइट में देरी के कारण बैठक टल गई.

सूत्रों की मानें, तो राहुल गांधी छत्तीसगढ़ में प्रचंड जीत से काफी खुश हैं. उन्होंने नेताओं को इस बात के लिए बधाई भी दी है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के लिए कोई विवाद भी नहीं हुआ है, जिस प्रकार मध्य प्रदेश और राजस्थान में हुआ. इस बात से भी राहुल काफी संतुष्ट हैं.

खबर ये भी है कि छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री भले ही अभी तक तय ना हुआ हो, लेकिन शपथ की तारीख तय हो गई है. बताया जा रहा है कि 15 दिसंबर को छत्तीसगढ़ में नया मुख्यमंत्री शपथ ले सकता है.

छत्तीसगढ़ के पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के बाद रायपुर में ही मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया जाएगा. इस बीच भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव को दिल्ली बुलाया गया है. ताम्रध्वज साहू पहले से ही दिल्ली में हैं, ये तीनों भी राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे.

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गुरुवार शाम को छत्तीसगढ़ में सीएम पद को लेकर राहुल गांधी के घर पर बैठक हुई थी. बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा पीएल पुनिया शामिल रहे.

रेस में सबसे आगे क्यों साहू?

2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद ताम्रध्वज साहू छत्तीसगढ़ में अपना गढ़ बचा पाए थे. दुर्ग लोकसभा से ताम्रध्वज साहू सांसद चुने गए थे और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से इकलौते सांसद चुने गए. ताम्रध्वज को उनके सरल स्वभाव और अनुभव का फायदा मिला है.

आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ की 90 सीटों पर कांग्रेस की लहर देखने को मिली. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को 68, भारतीय जनता पार्टी को 15 और बसपा को दो सीटें मिली हैं.

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