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सुकमा में ऑपरेशन प्रहार- सुरक्षाबलों ने 9 नक्सलियों को किया ढेर

नक्सलियों के खिलाफ जो ऑपरेशन किया गया है, उसमें इन नक्सलियों को सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो और डीआरजी ने चारों तरफ से घेर लिया था.

नक्सलियों के कब्जे से बरामद सामान. नक्सलियों के कब्जे से बरामद सामान.
राहुल विश्वकर्मा/जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 4:33 PM IST

नक्सलियों के खिलाफ़ छत्तीसगढ़ के सुकमा में सुरक्षा बलों के जॉइन्ट ऑपरेशन में आज 9 नक्सली ढेर कर दिए गए. आज़तक सूत्रों ने जानकारी दी है कि आज सुबह डीआरजी, कोबरा और सीआरपीएफ के संयुक्त ऑपरेशन में 9 नक्सलियों को ढेर किया गया है.

जानकारी के मुताबिक़ ये दुर्दांत नक्सली पीएलजीए यानी नक्सलियों के गुरिल्ला वॉर ग्रुप के थे. सूत्रों ने आज तक को जानकारी दी है कि नक्सलियों के खिलाफ जो ऑपरेशन किया गया है, उसमें इन नक्सलियों को सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो और डीआरजी ने चारों तरफ से घेर लिया था. भागने में नाकामयाब नक्सलियों को छत्तीसगढ़ के सकलेर के जंगलों में ढेर किया गया. सुरक्षाबलों के मुताबिक यह पिछले कुछ दिनों में नक्सलियों के खिलाफ किया गया सबसे सफल ऑपरेशन था.

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177 से ज्यादा नक्सली मारे गए

हालांकि नक्सली इस समय काफी बैक फुट में हैं, जिनके पास अब वैसे लड़ाके भी नहीं बचे हैं जो वेलट्रेंड हो. सुरक्षा बल लगातार घने जंगलों में नक्सलियों को ढूंढने की कोशिश में लगे हुए हैं ,और उनके खिलाफ ऑपरेशन कर रहे हैं. गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल सितंबर की शुरुआत तक 9 राज्यों में 177 से ज्यादा नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने ढेर किया है. इसके साथ साथ 1274 नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार भी किया है. मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक 1 सितंबर 2018 तक 400 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने सरेंडर किया है.

आजतक को ख़ुफ़िया रिपोर्ट से इस बात की भी जानकारी मिल रही है कि नक्सली बालाघाट और राजनांदगांव के बॉर्डर के आस-पास मौजूद 100 गांव से जन मिलिशिया बनाने की फिराक में हैं. दरअसल जन मिलिशिया का इस्तेमाल नक्सली सुरक्षा बलों के खिलाफ इंटेलिजेंस यानी खुफिया जानकारी एकत्र करने और नक्सलियों के लिए बेसिक सपोर्ट मुहैया कराने के लिए इस्तेमाल करते हैं. लगातार सुरक्षाबलों के ऑपरेशन के चलते बॉर्डर के कई इलाकों में जन मिलिशिया या तो अपना काम छोड़ चुके थे या फिर अंडर ग्राउंड हो गए थे. पर एक बार फिर नक्सली अपनी पैठ और अपने आप को मजबूत करने के लिए इस तरीके के जन मिलिशिया को खड़ा कर रहे हैं.

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