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छत्तीसगढ़ में अभी विधानसभा चुनाव में भले ही लगभग 1 साल का समय बाकी हो, लेकिन बीजेपी अपनी तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. इस बार बीजेपी स्मार्टफोन के जरिए चुनावी मैदान में बाजी मारना चाहती है. यही वजह है कि स्मार्ट फोन बांटने के लिए राज्य की बीजेपी सरकार ने बारह सौ करोड़ रुपए मंजूर कर दिए हैं. राज्य में 2018 में चुनाव होने हैं.
विशेषज्ञों की माने तो ग्रामीण इलाकों में बीजेपी मजबूत है, लेकिन शहरी इलाको में पार्टी को नुकसान होने की आशंका है. अर्बन वोटर्स को लुभाने के लिए ही सीएम रमन सिंह की सरकार ने इस योजना को हरी झंडी दिखाई है. इसके योजना के तहत एक हजार से अधिक आबादी वाले अर्बन टाउनशिप में रहने वाले गरीब परिवारों को स्मार्ट फोन मिलेगा. वहीं नए वोटर्स को लुभाने के लिए ग्रामीण और शहरी इलाकों के सभी स्टूडेंट्स को भी स्मार्टफोन दिया जाएगा.
दो चरण में योजना
छत्तीसगढ़ की रमन सिंह सरकार ने 55 लाख परिवारों में स्मार्टफोन बांटने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए संचार क्रांति योजना को मंजूरी दी गई है. दो चरणों में इस योजना के तहत 55 लाख से ज्यादा स्मार्ट फोन का वितरण किया जायेगा. इसके लिए 12 सौ करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं. योजना के क्रियान्वयन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मंत्रियो की एक समिति गठित की गई है. पारदर्शिता बनाए रखने के लिए स्मार्ट फोन खरीदने की टेंडर प्रक्रिया और भुगतान इस कमेटी की देख-रेख में होगा. इस साल लगभग पचास लाख परिवारों को स्मार्ट फोन मुहैया कराया जाएगा. जबकि 2018 में पांच लाख परिवारों को स्मार्टफोन देने की योजना है. स्मार्टफोन कॉलेज के छात्रों और एक हजार से अधिक जनसंख्या वाले शहर में रहने वाले गरीब परिवारों को दिए जायेंगे.
राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह के मुताबिक इस योजना को चुनाव से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि यह राज्य में संचार क्रांति की पहल है. आज भी हजारों परिवार मोबाइल फोन से वंचित हैं. वहीं रमन सिंह का कहना है कि कई स्टूडेंट्स ऐसे हैं जिन्हें स्मार्टफोन की जरूरत है, इससे उन्हें पढ़ने लिखने में मदद मिलेगी.
विपक्ष ने किया वार
कांग्रेसी नेता प्रभात मेघावाले ने इसे फिजूलखर्ची करार दिया है. उनके मुताबिक यह नए उम्र के वोटरों को प्रलोभन देने का रास्ता मात्र है. कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने भी इस योजना की आलोचना करते हुए कहा है कि सूखा ग्रस्त इलाकों के किसानों की सहायता के बजाए सरकार स्मार्टफोन खरीदने में जुटी है. हालांकि विपक्ष के आरोपों को दरकिनार कर स्मार्टफोन खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. वहीं शहरी इलाकों से लेकर ग्रामीण इलाकों में मोबाइल टावर स्थापित करने के लिए जोरशोर से काम शुरू कर दिया गया है. सरकार की कोशिश है कि इससे आम जनता के बीच बीजेपी के पक्ष में माहौल तैयार होगा.
मिशन 65 प्लस
25 सितबंर को दिल्ली में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होने वाली है. इसमें छत्तीसगढ़ भाजपा के सभी विधायकों और सांसदों को बुलाया गया है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ को 65 प्लस सीट का टारगेट दिया है. ऐसे में छत्तीसगढ़ की रमन सिंह सरकार द्वारा एक साल पहले से तैयारी करना स्वभाविक है.