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EXCLUSIVE: छोटा राजन के साथियों ने ही उसे धोखा दिया

अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के करीबी सहयोगियों ने ही उसे धोखा दिया. उसके कुक मितवा ने ही डी कंपनी को उसके ठिकाने के बारे में इत्तला दी थी. जिसकी वजह से इसी साल जुलाई में सिडनी के एक कैफे में उस पर हमला हुआ था.

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परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 27 अक्टूबर 2015,
  • अपडेटेड 11:21 PM IST

अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के करीबी सहयोगियों ने ही उसे धोखा दिया. उसके कुक मितवा ने ही डी कंपनी को उसके ठिकाने के बारे में इत्तला दी थी. जिसकी वजह से इसी साल जुलाई में सिडनी के एक कैफे में उस पर हमला हुआ था. लेकिन राजन वहां से किसी तरह भाग निकलने में कामयाब रहा था. मगर इस हमले के बाद छोटा राजन को इस बात का अहसास हो गया था कि अब उसे और भागना नहीं चाहिए. इस बात का खुलासा खुद डॉन के दो साथियों ने हमारे सहयोगी समाचार पत्र मेल टुडे के साथ फोन पर बातचीत में किया.

इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस पर कार्रवाई करते हुए ऑस्ट्रेलियाई और इंडोनेशियाई पुलिस की एक संयुक्त टीम ने बाली में रविवार को छोटा राजन को गिरफ्तार कर लिया. इस तरह से कानूनी और प्रवर्तन एजेंसियों की दो दशक लंबी दौड़ भी खत्म हो गई. राजन 20 से अधिक हत्या के मामलों में वांछित है. अधिकारियों ने बताया कि ऑस्ट्रेलियाई पुलिस को मिली एक गुप्त सूचना के आधार पर 55 वर्षीय राजेंद्र सदाशिव निकालजे उर्फ ​​मोहन कुमार उर्फ ​​छोटा राजन को उस वक्त गिरफ्तार कर लिया गया जब वह सिडनी से इंडोनेशियाई के शहर बाली पहुंचा था.

राजन कई वर्षों से ऑस्ट्रेलिया में छिपा हुआ था. गैंगस्टर छोटा शकील अपने बॉस दाऊद इब्राहिम के कहने पर छोटा राजन को खत्म करने की योजना पर काम कर रहा था. क्योंकि दाऊद को इस बात की आशंका थी कि राजन भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को बहुत सी जानकारी दे रहा था. सिडनी में राजन पर हुए हमले को भी शकील ने अंजाम दिया था. कभी दाऊद का करीबी रहा छोटा राजन 1993 के मुंबई विस्फोटों के बाद उससे अलग हो गया था और तभी से वह उसका दुश्मन बन गया था.

छोटा राजन के गिरोह के सदस्यों ने फोन पर मेल टुडे को बताया कि राजन के करीबी सहयोगियों, भाइयों रवि और विमल ने ही उसके बारे में जानकारी लीक की. यह दोनों ही राजन के हवाला कारोबार को चला रहे थे. मुंबई के चेंबूर में रहने वाले रवि और विमल में दुबई में एक होटल बनाना चाहते हैं और छोटा शकील ने उन्हें वहां होटल खोलने में मदद करने का आश्वासन दिया था. इसलिए वे राजन के बारे में जानकारी लीक कर रहे थे. इसी के चलते उसके कुक मितवा ने उस कैफे का पता दुश्मनों को बता दिया था जहां राजन सप्ताह में एक बार जरूर जाता था. खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने भी इस बात की पुष्टि की है.

गिरोह के दो सदस्यों ने इस बात का दावा किया है कि शकील के करीबी बाला शेट्टी ने जुलाई वाले हमले को अंजाम दिया था. उन्होंने मेल टुडे को बताया कि रवि, विमल और मितवा ने ही स्काइप के जरिए शेट्टी को राजन का नवीनतम तस्वीरें भेजी थी. विमल को आखरी बार आयरलैंड बॉर्डर के पास देखा गया था.

सीबीआई ने छोटा राजन के खिलाफ मामलों की जांच कर रही मुंबई पुलिस के अनुरोध पर ही जुलाई 1995 में राजन के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था.

छोटा राजन गिरोह के करीबी सहयोगियों से मेल टुडे को मिली जानकारी के मुताबिक अपने खास लोगों के ठीक से काम न करने की वजह से राजन का पतन शुरू हो गया था. वह भागते भागते बीमार हो गया था. भारत हमेशा से महत्वपूर्ण जानकारी के लिए उसे पकड़ना चाहता था. ताकि वह दाऊद और उसके गिरोह पर दबाव बना सके.

हम सभी जय हिंद (छोटा राजन गिरोह) के लिए काम करते थे. लेकिन पैसा राजन की कमजोरी थी. वह कभी भी किसी को भी काम के लिए पूरा पैसा नहीं देता था. जिसके चलते उसके गिरोह में दरार पड़ गई. और इसी वजह से गैंग कमजोर हो गया था. उसके बावजूद रवि और विमल राजन के सबसे करीब थे. दाऊद के खास रहे शरद शेट्टी की हत्या के पीछे भी विमल का हाथ था.

छोटा राजन गिरोह के सदस्यों से मेल टुडे को मिली जानकारी के मुताबिक रवि और विमल ने छोटा शकील के करीबी शेट्टी की हत्या करके छोटा राजन पर हुए हमले का बदला लिया था. साल 2000 में बैंकॉक में राजन पर हुए हमले की साजिश दुबई में शेट्टी के घर में रची गई थी. पिज्जा डिलीवरी ब्वॉय बनकर आए दाऊद के लोगों ने उस पर कई बार गोली चलाई थी लेकिन इसके बावजूद राजन बच गया था. साल 2003 में दुबई के एक क्लब में छोटा राजन के आदमियों ने दिनदहाड़े गोलीबारी करके शरद शेट्टी की हत्या कर दी थी.

सुरक्षा एजेंसियों ने दावा किया है कि राजन को आगे की पूछताछ के लिए जल्द ही भारत वापस लाया जाएगा. भारत और इंडोनेशिया के साथ हाल ही में हुए समझौते के मुताबिक भारत सरकार ने अपनी कसरत शुरु कर दी है. इस समझौत के अनुसार अदालती वारंट के आधार पर दोनों तरफ से अपराधियों का निर्वासन किया जा सकता है.

इसी साल अगस्त में हस्ताक्षर किए गए इस समझौता के मुताबिक सभी आपराधिक मामलों में वांछित व्यक्तियों निर्वासन, सहयोग और सबूत जुटाने के लिए भारत और इंडोनेशिया एक दूसरे को सहयोग करेंगे.

हालांकि, अंडरवर्ल्ड के सूत्रों का कहना है कि यह गिरफ्तारी भविष्य में हमलों से राजन की रक्षा के लिए उपयोगी है. लंबित पड़े मामलों को सुलझाने और दाऊद इब्राहिम पर नजर रखने के लिए राजन का इस्तेमाल किया जा सकता है.

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