
आईएनएक्स मीडिया केस में तिहाड़ जेल में बंद पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान चिदंबरम के वकील वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट पर हमने अपना जवाब तैयार कर लिया है. सिब्बल ने कहा कि सीबीआई ने अपना जवाब एक दिन की देरी से शुक्रवार को फाइल किया है.
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट से कपिल सिब्बल ने कहा कि किसी ने पैसे नहीं लिए, न ही कोई भारत से बाहर भागने की कोशिश की थी. पैसा देश में ही आया है, यह आर्थिक अपराध किस तरह से है.
इस मामले में एक एक्स पोस्ट फैक्टो अप्रूवल दिया गया. किसी भी तरह का राजकोषीय घाटा भी नहीं हुआ है. आरोप लगाया जा रहा है कि कार्ति चिदंबरम ने 10 लाख रुपये घूस के तौर पर लिए.
इस पर जज ने सवाल किया कि कार्ति कितने दिन जेल में रहे. कपिल सिब्बल ने जवाब दिया कि 23 दिन. कपिल सिब्बल ने कहा कि एफआईपीबी अप्रूवल प्रेस नोट-7 के मुताबिक दिया गया था.
मामले की सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि आईएनएक्स मीडिया मामले में बोर्ड ने 46 फीसदी रकम की मंजूरी दी थी, लेकिन शेयर्स की फेस वैल्यू 4.62 करोड़ थी, लेकिन प्रीमियम वैल्यू ज्यादा थी. सब कुछ नियम अनुसार ही हुआ है. इस मामले में सेबी या रिजर्व बैंक का कभी कोई नोटिस भी नहीं आया है.
कपिल सिब्बल ने कहा कि इस मामले में आईएनएक्स मीडिया मामले में आरंभिक तौर पर 4.62 करोड़ की फेस वेल्यू पर पैसा लाया गया, शेयर ट्रांसफर भी सेबी के नियमों के मुताबिक किया गया. कभी सेबी और आरबीआई ने नोटिस इश्यू नहीं किया. गाइडलाइन के मुताबिक ही सब कुछ किया गया.
हाईकोर्ट का समय पूरा होने के चलते चिदंबरम की याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं हो पाई. इस मामले की सुनवाई मंगलवार दोपहर साढ़े तीन बजे से फिर से होगी.
'इंद्राणी का बयान विश्वसनीय नहीं'
आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई की एक स्थिति रिपोर्ट के जवाब में पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि इंद्राणी मुखर्जी का बयान विश्वसनीय नहीं है. अपने जवाब में मामले की सरकारी गवाह मुखर्जी पर टिप्पणी करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि इंद्राणी मुखर्जी और उसके पति दोनों हत्या मामले में आरोपी हैं, जिसकी जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है. इसलिए उनके बयान में विश्वसनीयता नहीं हो सकती.
चिदंबरम ने इससे भी इनकार किया कि मौजूदा मामला साफ तौर पर जनता के विश्वास से धोखा है. पूर्व मंत्री ने दावा किया कि एजेंसी की तरफ से बेतुका आरोप लगाया गया कि उनके भागने का खतरा है. इसे लेकर उनके खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर (एओसी) जारी किया गया.
जांच एजेंसी ने शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष अपने जवाब में कहा था कि जांच के दौरान चिदंबरम का रवैया 'सहयोग पूर्ण नहीं रहा' और यहां तक कि उन्होंने 'मूल' सवालों के भी जवाब नहीं दिए. एजेंसी ने आगे बहस में कहा कि रिकॉर्ड में पर्याप्त साक्ष्य हैं, जो पूर्व वित्तमंत्री के आईएनएक्स मीडिया मामले में भूमिका का खुलासा करते हैं.
सीबीआई ने जवाब में कहा, "पी.चिदंबरम ने अपने प्रभावशाली स्थिति का इस्तेमाल किया और सुनिश्चित किया कि जांच एजेंसी को वह विवरण नहीं प्राप्त हो, जो पूर्वोक्त लेटर ऑफ रोगटोरी में मांगे गए हैं."
एजेंसी ने यह भी कहा कि अगर चिदंबरम को जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह सुनिश्चित करेंगे कि यह महत्वपूर्ण जानकारी जांच एजेंसी को नहीं प्राप्त हो.