
येस बैंक के संकट को देखते हुए भारतीय बैंकिंग प्रणाली पर कई सवाल खड़े हो गए हैं. इस बीच मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने कहा है कि जमाकर्ताओं को परेशान होने की जरूरत नहीं है. हमारे बैंकों को अच्छी तरह से पूंजीकृत किया गया है.
कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने कहा, 'जमा राशि के लिए बीमा राशि को 5 लाख रुपये तक बढ़ाया गया है. जमाकर्ताओं और निवेशकों को भी चिंता करने की जरूरत नहीं है. हमारे बैंकों को अच्छी तरह से पूंजीकृत किया गया है. भारतीय बैंकिंग सिस्टम में सार्थक पूंजी है.'
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इसके साथ ही मार्केट कैपिटलाइजेशन (M-Cap) अनुपात से बैंक की सुरक्षा को मापने के तरीके को सुब्रमण्यम ने गलत बताया है. उन्होंने कहा कि कैपिटल टू रिस्क एसेट रेशियो (सीआरएआर) बैंक की सुरक्षा के लिए मानक उपाय हैं. सुब्रमण्यम ने बताया कि भारतीय बैंकों के पास सीआरएआर के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुकाबले 80 फीसदी ज्यादा पूंजी है.
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दरअसल, येस बैंक की बदहाली से ग्राहकों में खलबली देखने को मिल रही है. बैंकों में रखे पैसों की सुरक्षा पर सवाल उठाए जा रहे हैं. वहीं ईडी की जांच में यह सामने आया है कि राणा कपूर एंड फैमिली के बिजनेस ने येस बैंक को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है.
यस बैंक पर संकट
देश के कई दिग्गज प्रोफेशनल के जरिए शुरू किया गया निजी क्षेत्र का येस बैंक संकट में फंस गया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इसके बोर्ड का संचालन अपने हाथों में लेते हुए इससे महीने में 50 हजार रुपये तक की ही निकासी की सीमा तय कर दी है. सरकार ने इसे संकट से दूर करने के लिए कवायद भी शुरू कर दी है.