
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को फेयरवेल पार्टी दी गई. जब शुक्रवार को फेयरवेल समारोह में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पहुंचे, तो उन्होंने मीडिया से दूरी बनाकर रखी. उन्होंने अपने विदाई समारोह में परंपरा से हटकर किसी तरह का कोई भाषण भी नहीं दिया. उन्होंने एक नोट के जरिए अपना बयान जारी किया और साथी न्यायमूर्तियों और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का शुक्रिया किया.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अपने बयान में कहा, 'भले मैं शारीरिक रूप से सुप्रीम कोर्ट में मौजूद न रहूं, लेकिन मेरा एक हिस्सा हमेशा सुप्रीम कोर्ट में रहेगा. मुझे इतने समय के कार्यकाल में बहुत सहयोग मिला. मैं सभी को अपनी शुभकामनाएं देता हूं.' सुप्रीम बार एसोसिएशन न्यायमूर्तियों के रिटायरमेंट पर फेयरवेल कार्यक्रम का आयोजन करता है.
सादगी से चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की विदाई
वहीं, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने कहा कि चीफ जस्टिस गोगोई की इच्छा के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में समारोह स्थल पर कोई मंच नहीं लगाया गया. इससे पहले जब भी कोई जस्टिस रिटायर हुए, तो बाकायदा मंच लगाकर समारोह आयोजित किया जाता रहा है. हाल ही में जस्टिस अभय मनोहर सप्रे ने भी किसी किस्म का समारोह आयोजित ना करने की इच्छा जताई थी. तब भी बस औपचारिक मिलना जुलना ही हुआ था. इस सादगीपूर्ण समारोह में भी चीफ जस्टिस गोगोई के संदेश यानी मैसेज को ही पढ़ा गया. ये संदेश चीफ जस्टिस गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को दिया था.
विदाई समारोह में ऐसे नजर आए CJI गोगोई
फेयरवेल समारोह के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई अगले चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे और जस्टिस एनवी रमन समेत अन्य जस्टिस और सीनियर एडवोकेट के साथ नजर आए. 18 नवंबर को रंजन गोगोई 65 साल के पूरे हो जाएंगे और इससे पहले 17 नवंबर को आधिकारिक तौर पर चीफ जस्टिस पद से रिटायर हो जाएंगे. इसके बाद रंजन गोगोई की जगह शरद अरविंद बोबडे चीफ जस्टिस का पदभार संभालेंगे.
चीफ जस्टिस के रूप में रंजन गोगोई का कार्यकाल करीब साढ़े 13 महीने का रहा. इस दौरान उन्होंनें अयोध्या केस और चीफ जस्टिस के ऑफिस को आरटीआई के दायरे में लाने समेत कुल 47 मामलों में फैसले सुनाए. दीपक मिश्रा के रिटायर होने के बाद रंजन गोगोई को तीन अक्टूबर 2018 को भारत का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया था. वो साल 1978 में वकालत के पेशे से जुड़े थे.
वकील के रूप में कॅरियर की शुरुआत
रंजन गोगोई ने वकालत की शुरुआत गुवाहाटी हाईकोर्ट से की. उनको संवैधानिक, टैक्सेशन और कंपनी मामलों में महारथ हासिल है. उनको 28 फरवर 2001 को गुवाहाटी हाईकोर्ट का स्थायी न्यायमूर्ति नियुक्त किया गया था और 9 सितंबर 2010 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में तबादला कर दिया गया था.
रंजन गोगोई को 12 फरवरी 2011 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया था. इसके बाद 23 अप्रैल 2012 को उनको प्रोमोट करके सुप्रीम कोर्ट का जस्टिस बना दिया गया था.