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मुख्यमंत्री आवास योजना: पहले चरण में 1.25 लाख परिवारों का सर्वे का काम पूरा

ऐप-आधारित इस डिजिटल सर्वेक्षण में परिवार के सदस्यों के चित्रों के साथ-साथ उनके व्यक्तिगत पहचान प्रमाण पत्र जैसे आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, बिजली बिल आदि की तस्वीरों के साथ झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले परिवारों के बारे में पूरी जानकारी दी गई है.

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पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 10 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 12:01 AM IST

  • 270 झुग्गी बस्तियों में रहने वाले 1.25 लाख परिवार शामिल
  • 675 झुग्गी बस्तियों में बड़े पैमाने पर सर्वेक्षण का काम जारी

केजरीवाल सरकार के दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) द्वारा पक्का आवास मुहैया कराने के लिए अब तक 270 झुग्गी बस्तियों में रहने वाले 1.25 लाख परिवारों का सर्वे हो चुका है. इन्हें दिल्ली सरकार की ओर से सर्वेक्षण प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा.

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झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों के लिए आवास की कुल मांग का आकलन करने के लिए 675 झुग्गी बस्तियों में बड़े पैमाने पर सर्वेक्षण का काम चल रहा है जिससे यह पता चलेगा कि इनके लिए कितने आवास की आवश्यकता है.

किस आधार पर होगा लोगों का चयन?

शहरी विकास मंत्री सतेंद्र जैन के मुताबिक दिल्ली सरकार झुग्गी में रहने वाले प्रत्येक परिवार को सर्वेक्षण प्रमाण पत्र जारी करेगी, जिसमें परिवार की तस्वीर के साथ स्थान, झुग्गी नंबर होगा. यह सर्वेक्षण आने वाले वर्षों में गरीबों के लिए घरों के निर्माण की मांग का आकलन करने में सरकार की मदद करेगा.

इससे पहले में दिल्ली स्लम और झुग्गी झोपड़ी पुनर्वास और पुनर्वास नीति, 2015 के नाम से जानी जाने वाली मुख्यमंत्री आवास योजना (एमएमएवाई) के तहत झुग्गी समूहों के पुनर्वास के लिए सर्वे एक अनिवार्य प्रक्रिया है. इसके आधार पर ही पात्र लोगों का चयन होगा.

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कैसे काम करता है डिजिटल सर्वेक्षण

ऐप-आधारित इस डिजिटल सर्वेक्षण में परिवार के सदस्यों के चित्रों के साथ-साथ उनके व्यक्तिगत पहचान प्रमाण पत्र जैसे आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, बिजली बिल आदि की तस्वीरों के साथ झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले परिवारों के बारे में पूरी जानकारी दी गई है. इसमें यह पता लगाना है कि परिवार कितने वर्षों से झुग्गी झोपड़ी में रह रहा है और प्रत्येक घर में व्यक्तियों की संख्या कितनी है. इससे आवंटन प्रक्रिया के दौरान बाद में अनुचित दावों को रोकने में मदद मिलेगी.

सर्वेक्षण जारी

डीयूएसआईबी अधिकारियों की देखरेख में एक स्वतंत्र एजेंसी से सर्वेक्षण कराया जा रहा है. ऐप-आधारित सर्वेक्षण भू-निर्देशांक के साथ एक ऑनलाइन डेटाबेस पर सभी जानकारी जानकारी को एकत्र करता है जिसे अधिकारियों की ओर से ऑनलाइन एक्सेस और सत्यापित किया जा सकता है. इससे सर्वे को त्रुटि मुक्त और फर्जीवाड़ा मुक्त बनाया गया है.

क्या कहती है केजरीवाल सरकार

केजरीवाल सरकार के मुताबिक इस योजना के तहत पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले परिवारों को पक्के फ्लैट आवंटित किए जाएंगे. मुख्यमंत्री आवास योजना- 2015 का प्राथमिक फोकस इन-सीटू मोड पर है जिससे मौजूदा झुग्गी के पांच किलोमीटर के दायरे में पुनर्वास की योजना है. जिससे पुनर्वास करने वाले लोगों के जीवन में न्यूनतम व्यवधान हो.

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केवल विशेष परिस्थितियों में दूर पुनर्वासित किया जाएगा. वह भी तब जब पांच  किलोमीटर के दायरे में आवास उपलब्ध कराना संभव न हो. वर्तमान समय में दिल्ली सरकार शहर में प्रमुख स्थानों पर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 5500 नई आवास इकाइयों का निर्माण करा रही है.

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