Advertisement

अच्छी सेहत के साथ-साथ रोजगार के लिए भी तरसते हैं प्रीमैच्योर बच्चे

जो बच्चे 34वें हफ्ते में या फिर उससे भी पहले पैदा होते हैं वे सामान्य बच्चों की तुलना में कम कमाते हैं. ऐसे बच्चे कोई विशेष या बहुत अच्छी नौकरी नहीं कर पाते और वो अपना घर बना पाएंगे, इस बात की उम्मीद भी बहुत कम होती है.

प्रीमैच्योर बच्चे को जिंदगीभर रहती हैं ये परेशानियां प्रीमैच्योर बच्चे को जिंदगीभर रहती हैं ये परेशानियां
भूमिका राय
  • नई दिल्ली,
  • 11 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 1:04 PM IST

ये तो हम सभी जानते हैं कि प्रीमैच्योर बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता सामान्य बच्चों की तुलना में कम विकसित होती है. पर हाल में हुए एक शोध में कहा गया है कि ऐसे बच्चे पढ़ाई में कमजोर होते हैं और उनकी मैथ्स भी अच्छी नहीं होती.

शोधकर्ताओं का कहना है कि प्रीमैच्योर बच्चों में ये लक्षण भविष्य में भी प्रभावी रहते हैं और वे सामान्य बच्चों की तरह गणनाएं नहीं कर पाते हैं.

Advertisement

आमतौर पर गर्भकाल 36 सप्ताह का होता है लेकिन ऐसे बच्चे जो 34वें हफ्ते में या फिर उससे भी पहले पैदा होते हैं वे 42 साल की उम्र में, दूसरे बच्चों की तुलना में कम कमाते हैं. ऐसे बच्चे कोई विशेष या बहुत अच्छी नौकरी नहीं कर पाते और वो अपना घर बना पाएंगे, इस बात की उम्मीद भी बहुत कम होती है.

कई बार ऐसा होता है कि मां-बाप प्रीमैच्योर बच्चों को देर से स्कूल भेजते हैं. उन्हें लगता है कि बच्चा थोड़ा बड़ा हो जाए, तब उसे स्कूल भेजा जाएगा लेकिन ये कोई समाधान नहीं है. शोधकर्ताओं का कहना है कि ऐसे बच्चों को भी सामान्य बच्चों की तरह सही उम्र में ही स्कूल भेजना चाहिए लेकिन उन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. 

दुनिया में प्रीमैच्योर बच्चों के जन्म का औसत 11 फीसदी है. शोधकर्ता मानते हैं कि पिछले तीन दशकों में प्रीमैच्योर बर्थ-रेट काफी बढ़ा है. पर साथ ही इन बच्चों के सर्वाइव करने की प्रतिशतता भी बढ़ी है. यहां तक की अब तो 17 हफ्ते में जन्मे बच्चे भी जीवित रहते हैं.

Advertisement

ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ वॉरविक के प्रोफेसर डाइटर वोल्क के अनुसार, प्रीमैच्योर बच्चों का दिमाग पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाता है. ऐसे बच्चों का आईक्यू सामान्य बच्चों की तुलना में कम होता है, साथ ही ऐसे बच्चे मैथ्स में भी कमजोर होते हैं.

इन कमियों के चलते ऐसे बच्चों को रोजगार मिलने में भी परेशानी होती है. ऐसे में उन्हें आर्थिक समस्याओं से भी जूझना पड़ सकता है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement