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चीन ने रोका ब्रह्मपुत्र का पानी, अरुणाचल के कई हिस्सों में सूखे का खतरा

बता दें कि साल की शुरुआत में सियांग और ब्रह्मपुत्र नदी में गंदगी की खबरे आईं थी. यह गंदगी चीन के यारलुंग सांगपो में आए भूकंप के मलबे की वजह से हुई थी. जिससे सियांग और ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे की ओर रहने वालों में भय का माहौल बन गया था.

पानी रुकने से सूखी सियांग (फोटो: @ninong_erring) पानी रुकने से सूखी सियांग (फोटो: @ninong_erring)
विवेक पाठक
  • नई दिल्ली,
  • 19 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 7:45 AM IST

भारतीय सीमा में चीन द्वारा लगातार घसुपैठ की खबरों के बीच तिब्बत के रास्ते भारत में बहने वाली ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोक दिया गया है. इसके पीछे चीन का हाथ होने की बात सामने आई है. पानी रुकने की वजह से अरुणाचल प्रदेश के एक बड़े हिस्से में सूखे की नौबत आ गई है.

अरुणाचल प्रदेश से कांग्रेस सांसद निनोंग एरिंग ने केंद्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि ब्रह्मपुत्र का पानी रुक जाने से अरुणाचल प्रदेश के तूतिंग, यिंगकियोंग और पासीघाट इलाके में इसके कारण सूखे के हालात पैदा हो गए हैं. उन्होंने अपनी चिट्ठी में विदेश मंत्री सुष्मा स्वराज और अर्जुन राम मेघवाल से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है.

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गौरतलब है कि चीन ने तिब्बत में बहने वाली यारलुंग सांगपो नदी का पानी रोक दिया है. ये नदी जब अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है तो इसे सियांग के नाम से पुकारा जाता है. आगे चलकर असम में ये ब्रह्मपुत्र के नाम से पहचानी जाती है.

कांग्रेस सांसद निनोंग एरिंग ने केंद्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल को लिखी अपनी चिट्ठी में लिखा है कि चीन के जल संसाधन मंत्रालय की जानकारी के अनुसार इस नदी के मिलिन सेक्शन में भारी मात्रा में भूस्खलन हुआ है. जिसकी वजह से 16 अक्टूबर से ब्रह्मपुत्र की मुख्यधारा प्रभाव प्रभावित हुई है.

अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिला प्रशासन ने जनता ने एडवाइजरी जारी कर आम नागरिकों को नदी के क्षेत्र से दूर रहने, खासकर मछली पकड़ते समय बहुत एहतियात बरतने की सलाह दी है. क्योंकि अगर चीन ने पानी छोड़ा तो बाढ़ आ सकती है.

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आपको बता दें कि हाल ही में भारत और चीन के बीच यारलुंग सांगपो नदी के पानी का डेटा साझा करने का करार हुआ था. कांग्रेस सांसद ने पत्र में लिखा है कि चीन यारलुंग सांगपो नदी की रुकावट पर करीबी नजर बनाए हुए है. यदि आगे की कोई सूचना आती है तो उसे हमे इसकी जानकारी देनी चाहिए और भारत सरकार को इस मामले में सक्रिय होकर उनसे बात करनी चाहिए.

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