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चीन के एक प्रांत ने दुकानदारों को तिब्बतियों के धर्मगुरु दलाई लामा की तस्वीरें अधिकारियों को सौंपने का आदेश दिया है. इस प्रांत में बड़ी संख्या में तिब्बती रहते हैं.
सरकारी मीडिया ने नोबेल पुरस्कार से सम्मानित दलाई लामा की तुलना फांसी पर लटकाए गए इराकी नेता सद्दाम हुसैन से करते हुए बीजिंग के विशेषज्ञों के हवाले से यह बात बताई.
अखबार के हवाले से खबर
सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के नजदीकी माने जाने वाले अखबार ग्लोबल टाइम्स ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम में स्थित सिचुआन प्रांत में इस मुहिम को लागू करने के लिए सांस्कृतिक ब्यूरो कर्मियों, पुलिस और अन्य अधिकारियों का ‘कानून प्रवर्तन दल’ गठित किया गया है. इस प्रांत में तिब्बतियों के कई इलाके हैं.
दलाई लामा की तुलना सद्दाम हुसैन से
समाचार पत्र ने प्रांतीय प्रचार विभाग के निदेशक गोउ यादोंग के हवाले से कहा कि इस मुहिम का लक्ष्य चंद्र नववर्ष से पहले ‘अश्लील साहित्य और दलाई लामा के चित्रों समेत अवैध प्रकाशन पर लगाम कसना है.’ ग्लोबल टाइम्स ने बीजिंग में चाइना तिब्बतोलॉजी रिसर्च सेंटर के लियान शियांगमिन के हवाले से कहा कि चीनी लोगों के लिए उनकी (दलाई लामा) तस्वीर टांगना उसी तरह है जैसे अमेरिकियों को सद्दाम हुसैन की तस्वीर दिखाना.
2006 में सद्दाम को मिली थी मौत की सजा
पूर्व इराकी नेता को मानवता के खिलाफ अपराधों के मामले में दोषी पाए जाने के बाद 2006 में मौत की सजा दी गई थी जबकि बार बार हिंसा की आलोचना करने वाले दलाई लामा को 1989 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.